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एग्जाम टाइम में लें नो टेंशन, ध्यान रखें सिर्फ ये बातें
बोर्ड परीक्षाएं शुरू होने वाली हैं। एग्जाम टाइम में छात्र तो परेशान रहते ही हैं अभिभावक भी काफी टेंशन (Tension) में रहते हैं। घर में जिस समय माहौल सबसे हलका औऱ खुशनुमा होना चाहिए उस समय सबसे ज्यादा टेंशन भरा रहता है। इस तनाव से कोई फायदा नहीं होता, उल्टा नुकसान ही होता है। एग्जाम टाइम (Exam time) के तनाव से ढंग से निपटने की जरूरत है। हम आपको बताते हैं कि इन दिनों में छात्र तनाव का किस तरह से सामना कर सकेंगे और परीक्षा में अच्छा स्कोर कर पाएंगे …
सबसे पहले तो अपना टाइम टेबल सेट करें। अक्सर देखा गया है कि जो छात्र टाइम टेबल सेट करके पढ़ाई करते हैं उन छात्रों के नंबर हमेशा अच्छे आते हैं। छात्र कितने घंटे पढ़ना चाहते हैं उसके अनुसार टाइम टेबल सेट करें। छात्र ध्यान रखें कि परीक्षा में अच्छे अंक पाने के लिए कम से कम 8 घंटे पढ़ाई करें। छात्र टाइम टेबल बनाते समय ध्यान रखें कि सभी विषयों को बराबर समय दें जिससे कि हर विषय की अच्छे से तैयारी हो सके। छात्र कठिन विषयों को ज्यादा से ज्यादा समय दें जिससे की सभी विषयों पर उनकी मजबूत पकड़ बन सके।
अगर अच्छी तरह पढ़ाई करनी है तो सिलेबस की पूरी तरह से जानकारी कर लें। छात्र को अगर सिलेबस की पूरी जानकारी होगी तो छात्र परीक्षा के समय बिना काम के टॉपिक और विषय नहीं पढ़ने पड़ेंगे। इससे वे उतना समय दूसरे टॉपिक पर लगा सकते हैं और बेहतर तैयारी कर सकते हैं। अगर छात्र को सिलेबस की जानकारी नहीं होगी तो उसे पता नहीं रहेगा कि उसे क्या पढ़ना चाहिए और क्या छोड़ना चाहिए। कॉलेज या स्कूल में टीचर्स द्वारा बताए गए इम्पोर्टेन्ट क्वेश्चन और उनके द्वारा बनवाए गए नोट्स को भी अच्छी तरह से पढ़ लें।
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परीक्षा के समय छोटे-छोटे नोट्स तैयार करें। किसी बड़े टॉपिक को याद करके उसकी एक संक्षिप्त समरी एक दो लाइन में लिख लें जिससे वो टॉपिक याद रहे। परीक्षा के समय पूरी टेक्स्ट बुक को न पढ़कर सैंपल पेपर, अनसॉल्वड पेपर और इम्पोर्टेन्ट क्वेश्चन आंसर बुक और पुराने पेपर की सहायता लें क्योंकि टेक्स्ट बुक को कम समय में पूरा पढ़ना मुश्किल है। छात्र सैंपल पेपर सॉल्व करते समय ये याद रखें कि वो पेपर समय के अंदर ख़त्म हो और ऐसी प्रैक्टिस छात्र बार-बार कर सकते हैं। इससे उन्हें बोर्ड परीक्षा में टाइम का अंदाजा भी रहेगा और वे समय से पूरा पेपर ख़त्म कर सकेंगे।
छात्र परीक्षा की तैयारियों में ऐसे लग जाते हैं कि वे खाना-पीना और डेली रूटीन प्रक्रिया बंद कर देते हैं। जिस कारण वे दौरान जल्दी थक जाते हैं। थकान होने के कारण उनका मन पढ़ाई करने से ऊब जाता है। ऐसा करने से पढ़ी हुई चीज ज्यादा समय तक याद नहीं रहती और तनाव बढ़ जाता है। छात्र पढ़ाई के बीच में फ्रेश होने के लिए बाहर घूमें, दोस्तों के साथ चिल करें और थोड़ा टाइम बचा के संगीत और टीवी भी देख सकते हैं। इस प्रक्रिया से शरीर और दिमाग पर भारीपन और थकान महसूस नहीं होगी।
कभी-कभी जब छात्रों को किसी विषय का टॉपिक समझ नहीं आता तो वे उस टॉपिक को रटना शुरू कर देते हैं। रटी हुई चीजें ज्यादा समय तक याद नहीं रहती और कभी-कभी तो परीक्षा देते समय रटी हुई चीजें दिमाग से बिलकुल ही गायब हो जाती है इसलिए हर विषय के टॉपिक को सही से समझ के पढ़ें, जिससे कि टॉपिक लंबे समय तक याद रहें।
बोर्ड परीक्षा के करीब आते ही छात्र पढ़ाई को लेकर इतने सीरियस हो जाते हैं कि सही से नींद नहीं लेते जिसके कारण छात्रों को ज्यादा तनाव होता है और वे थका हुआ महसूस करते हैं। छात्र ज्यादा तनाव न लेकर अच्छे से पड़ने पर फोकस करें। लगातार पढ़ाई ना करके बीच-बीच में ब्रेक जरूर लें जिससे वे फ्रेश महसूस करेंगे। छात्र देर रात तक पढ़ाई न करके सुबह जल्दी उठकर पढ़ाई करें। सुबह के समय माहौल और वातावरण बिलकुल शांत होता है जिससे छात्रों को पढ़ी हुई चीजे लंबे समय तक याद रहती हैं।