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Kewal Singh Pathania Respect : शाहपुर। Kewal Singh Pathania की ताजपोशी से शाहपुर कांग्रेस में नया उबाल आ गया है। केवल सिंह पठानिया को कांग्रेस प्रवक्ता बनाया जाना शाहपुर कांग्रेस के एक धड़े के लिए जोरदार झटका माना जा रहा है। गौर रहे कि दो धड़ों में विभाजित शाहपुर कांग्रेस का एक गुट जहां पठानिया के नेतृत्व को मंजूर नहीं करता तो वहीं पठानिया ग्रुप मेजर मानकोटिया को अपना नेता मानने को तैयार नहीं ।
दोनों ही धड़े एक दूसरे को नीचा दिखाए जाने का कोई अवसर नहीं छोड़ते थे, अब बदले समीकरणों के चलते यह राजनीतिक जंग और अधिक बढ़ने के कयास लगाए जाने लगे हैं। मानकोटिया ग्रुप के नेताओं व समर्थकों को पहले ही रंज है कि प्रदेश सरकार में मेजर मानकोटिया के बजाय केवल सिंह पठानिया को अधिक अधिमान दिया जाता है। सीनियर नेता होने के बावजूद मानकोटिया को पठानिया के बाद पर्यटन विकास बोर्ड का उपाध्यक्ष बनाना तथा अब कांग्रेस संगठन में पठानिया को अहम जिम्मेदारी से नवाजा जाना मानकोटिया समर्थकों को खलने लगा है।
मेजर विजय सिंह मानकोटिया लंबे समय तक शाहपुर कांग्रेस के एक छत्र नेता रहे हैं तथा इस दौरान वह कई बार विधायक रहने के साथ मंत्री भी रहे। मानकोटिया को संगठन में तरजीह न दिए जाने का मलाल अब उनके समर्थकों में साफ झलकने लगा है। दूसरी तरफ केवल समर्थक अपने नेता की इस नई ताजपोशी से गदगद हैं तथा शाहपुर कांग्रेस का भविष्य उनमें देखने लगे हैं। इन समर्थकों का तर्क है कि पठानिया की कांग्रेस के प्रति निष्ठाओं का ही परिणाम है जो उन्हें इस मुकाम तक ले आया है, जबकि संकट की घड़ी में कई वरिष्ठ नेता होने का दम भरने वाले लोग पार्टी से बगावत कर संगठन को नुकसान पहुंचाते रहे हैं। शाहपुर कांग्रेस की इस लड़ाई से शाहपुर बीजेपी भले ही अपने सुनहरे भविष्य के सपनों को साकार होते देखने लगी है, लेकिन अबकी बार बीजेपी में भी विद्रोह की ज्वालाएं भड़की हुई हैं, जिससे वहां भी विद्रोह निश्चित है। शाहपुर कांग्रेस में नेतृत्व की जंग से पिछले विधानसभा चुनाव में लाभ उठा चुकी बीजेपी की स्तिथि भी कुछ ज्यादा ठीक नहीं है।
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