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ये है पांगी का “खाउल” उत्सव
Last Updated on February 10, 2020 by Deepak
किलाड़। हिमाचल प्रदेश के जनजातीय क्षेत्र पांगी में खाउल उत्सव को बड़े धूमधाम से मनाया जा रहा है। दो दिन तक चलने वाले इस उत्सव की मान्यता देखी जाए तो यह यह हर साल पूर्णिमा को मनाया जाता है। इस दौरान लोग अपने घरों से मशाल निकाल कर आपने पूर्वजों को याद करते है और उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करते है। एक मान्यता यह भी है कि इन दिनों पांगी घटी में राक्षक राज होता है और लोगों उसे भगाने के लिए इस त्यैहार को मनाते है। पांगी घाटी की साच, फिंडरू, फिंडपार,मिंधल, रेई, पुर्थी, शौर व अन्य गांव में पहले दिन घर का मुख्य पंगवाली वेषभूषा में तैयार होकर अपने घर में विषेश पूजा अर्चना करता हैए जैसे ही शाम डल जाती है, तो मशाल बनाने की तैयारी में जुट जाते है। चांद निकलते ही मशाल को जलाकर घर से बहाल निकल जाते है। और अपने गांव के कुलदेवी के मंदिर की ओर रूख करते इस दौरान सभी लोगों एक कतार में चलते है। उत्सव के दूसरे दिन पूरा प्रज्जामंडल इक्कटठा होकर इस उत्सव को मनाता है।