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नई दिल्ली। पेट्रोल और डीजल की कीमतें सोमवार को फिर बढ़ गईं। दिल्ली में पेट्रोल 23 पैसा महंगा होकर 80.73 रुपये लीटर, जबकि डीजल 22 पैसा बढ़कर 72.83 रुपये लीटर हो गया है। मुंबई में पेट्रोल 88 रुपए से भी ज्यादा महंगा बिक रहा है। अब सवाल यह पैदा होता है कि तेल कंपनियों को 43 रुपए प्रति लीटर पड़ने वाला पेट्रोल पंप तक पहुंचने तक 88 रुपए प्रति लीटर कैसे हो जाता है।
10 सितंबर 2018 को इंडियन बास्केट में कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमत 4,883 रुपये प्रति बैरल है। चूंकि एक बैरल में 159 लीटर होता है, इसलिए प्रति लीटर कच्चे तेल की कीमत है- 4,883 ÷ 159 = 30.71 रुपये। रिफाइनरीज तक पहुंचने से पहले क्रूड ऑयल पर एंट्री टैक्स, रिफाइनरी प्रोसेसिंग, लैंडिंग कॉस्ट एवं मार्जिन समेत अन्य ऑपरेशन कॉस्ट पेट्रोल पर 3.68 रुपये, डीजल पर 6.37 रुपये प्रति लीटर लगता है। इस तरह अब पेट्रोल की कीमत 37.08 रुपये हो जाती है।
फिर प्रति लीटर पेट्रोल पर 3.31 रुपये और प्रति लीटर डीजल पर 2.55 रुपये ऑइल मार्केटिंग कंपनियों की मार्जिन, ढुलाई और फ्रेट कॉस्ट आती है। यानी अब प्रति लीटर पेट्रोल 34.39 रुपये + 3.31 रुपये = 37.70 रुपये जबकि प्रति लीटर डीजल 37.08 रुपये + 2.55 रुपये = 39.63 रुपये का हो गया।
पेट्रोल-डीजल पर केंद्र सरकार का एक्साइज टैक्स प्रति लीटर पेट्रोल पर 19.48 रुपये और प्रति लीटर डीजल पर 15.33 रुपये आता है। यानी अब पेट्रोल की कीमत 37.70 रुपये + 19.48 रुपये = 57.18 रुपये, जबकि डीजल की कीमत 39.63 रुपये + 15.33 रुपये = 54.96 रुपये हो गई। पेट्रोल पंप डीलरों का कमीशन मिलाकर पेट्रोल की दर 60.77 रुपये और डीजल 57.49 रुपये प्रति लीटर हो जाता है। इस पर राज्य सरकारें अलग-अलग दर से वैट और पॉल्यूशन सेस वसूलती हैं।
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