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आपको पता है कि आर्मी अपने वफादार कुत्तों को रिटायरमेंट (Retirement)के बाद गोली मार देती है। हालांकि,ये कुत्ते वफादारी (Loyal Dogs)में इंसान से भी ज्यादा बेहतर माने गए हैं। लेकिन इनका अंत रिटायरमेंट के बाद कुछ ऐसा ही होता है। इन्हें गोली से उड़ा दिया जाता है। अकसर कहा जाता है कि वफादारी सीखनी है तो कुत्तों (Dogs)से सीखें। बावजूद इसके इन्हीं कुत्तों को गोली से क्यों उड़ाया जाता है,आज हम आपको यही बात बताने जा रहे हैं।
कहते हैं कि सेना में कुत्ते की वफादारी सबसे ज्यादा देखने को मिलती है। इन्हें सेना में अलग-अलग रैंक मिला होता है। उसी हिसाब से इनकी देखभाल होती है। लेकिन रिटायरमेंट के साथ ही इन्हें (Killed)मार दिया जाता है। उसका एक ही कारण बताया जाता है कि कहीं ये रिटायरमेंट के बाद देश के लिए कोई खतरा ना बन जाएं। मतलब ये रिटायरमेंट के बाद किसी ऐसे व्यक्ति के पास ना चले जाएं,जिससे देश को कोई खतरा हो जाए।यही कुत्ते होते हैं जिन्हें आर्मी की सभी खुफिया जगहों के बारे में पता होता है। कहीं रिटायरमेंट के बाद इनको कोई ऐसा शख्स खरीद लेता है जो इसका गलत इस्तेमाल करें,इस (Fear)डर से इन्हें मार दिया जाता है। यानी वफादारी निभाने के बाद भी इन कुत्तों को मरना ही होता है।
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