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आसमान में देखे हैं कभी उल्टे-सीधे दो इंद्रधनुष एक साथ, क्या है इनके पीछे की वजह जानिए यहां
Last Updated on June 28, 2021 by Deepak
बरसात का मौसम काफी सुहावना लगता है। इस मौसम का अपना ही मजा है और ऐसे में प्रकृति का रूप और भी निखर कर आता है। बारिश तो बढ़िया लगती ही है, लेकिन उसके बाद का नजारा भी कम दिलचस्प नहीं होता। साफ आसमान में जब इंद्रधनुष (Rainbow) निकलता है तो उस खूबसूरत नजारे (Beautiful Scenery) को देखने का अपना ही मजा है। बच्चे हों या बड़े इंद्रधनुष हर किसी को भाता है। इसको देखने में कुछ ऐसा लगता है मानों प्रकृति मुस्कुरा रही हो। कई बार आसमान में दो इंद्रधनुष भी निकलते हैं और कई बार एक सीधा और उल्टा भी होता हैं। कई लोगों के मन में सवाल होगा कि आखिर ऐसा क्यों होता है। इसी के बारे में आपको हम जानकारी देने वाले हैं –
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इंद्रधनुष यानी बारिश के मौसम में आसमान में दिखाई देने वाली धनुष के आकार की आकृति जो सात रंगों से बनी होती है। हिन्दू संस्कृति में इंद्र को वर्षा का देवता माना जाता है। ऐसे में सूर्य एवं जल के मेल पर जो धनुष की आकृति बनती हैं उसको भगवान इंद्र के धनुष की संज्ञा दी जाती है। इसमें सात अलग-अलग रंग होते हैं। आपने बचपन में साइंस क्लास में इसके बारे में पढ़ा ही होगा कि इंद्रधनुष में सात रंग मौजूद होते हैं – बैंगनी, नीला, आसमानी, हरा, पीला, नारंगी और लाल, जिसे हिंदी में ‘बैनीआहपीनाला’ और अंग्रेजी में VIBGYOR भी कहते हैं। इन रंगों का पता प्रिज्म के जरिए चलता है। इंद्रधनुष असल में प्रकृति का प्रिज्म है। पानी की छोटी-छोटी बूंदें पारदर्शी प्रिज्म का काम करती हैं। जब सूर्य का प्रकाश उनसे होकर गुजरता है तो वो सात अलग-अलग रंगों में टूट जाता है जिसकी वजह से ही हमें इंद्रधनुष दिखाई देते हैं।
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इंद्रधनुष में लाल रंग का प्रकाश सबसे ऊपर दिखाई पड़ता है जबकि बैंगनी रंग का प्रकाश सबसे नीचे। माना जाता है कि बारिश की बूंदों के बीच अगर धूप भी निकला हो तो सूर्य की तरफ मुंह करके देखने पर इंद्रधनुष जरूर दिखाई पड़ता है। हालांकि हमेशा ऐसा नहीं होता है। कभी-कभी आसमान में एक नहीं बल्कि दो-दो इंद्रधनुष दिखाई पड़ते हैं। दरअसल, एक ही जगह मौजूद बारिश की बूंदों के बार-बार धूप के संपर्क में आने पर ही दो इंद्रधनुष दिखाई देखने को मिलते हैं। इंद्रधनुष से निकली रंगीन रोशनी जैसे ही सफेद में बदलती है वैसे ही उसका संपर्क बारिश की दूसरी बूंदों से हो जाता है और प्रकाश फिर से अलग-अलग रंगों में बिखर जाता है, लेकिन इस बार ये यह क्रम उल्टा होता है इस वजह से एक इंद्रधनुष सीधा दिखता है तो दूसरा एक उल्टा।