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सेकेंड हैंड Car खरीदने जा रहे हैं तो जान लें ये जरूरी बातें, नहीं तो पड़ेगा खर्च
Last Updated on February 28, 2020 by Deepak
नई दिल्ली। अगर आप भी सेकेंड हैंड गाड़ी (Second Hand) खरीदने का मन बना रहे हैं तो ये खबर आपके काम की है क्योंकि, यहां हम आपको बताने जा रहे हैं अगर आप नई गाड़ी नहीं खरीद कर सेकंड हैंड गाड़ी खरीद रहे हैं तो किन बातों का आपको ख्याल रखना चाहिए, ताकि आपको बाद में पछताना ना पड़े। दरअसल, हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि, केवल ड्राइविंग टेस्ट करने से ही आप गाड़ी की जांच नहीं कर सकते हैं कुछ और जरूरी बातें होती हैं जिनका ध्यान न रखा जाए तो आपको हर महीने गाड़ी पर हजारों का खर्च करना पड़ सकता है। दरअसल, देश में हर साल बाढ़ और भारी बारिश की वजह से लाखों कारें खराब हो जाता हैं। बाढ़ जैसे प्राकृतिक आपदा में डैमेज्ड कारों में 80 फीसदी सेकेंड हैंड कार मार्केट में पहुंच जाती हैं। इनमें से अधिकतर कारों को इंश्योरेंस से मिलने वाली रकम से रिपेयर कर सेकेंड हैंड बाजार में उतार दिया जाता है। पानी की वजह क्षतिग्रस्त कारों को ठीक से रिपेयर करना संभव नहीं है। ऐसे में अगर आप भी सेकेंड हैंड कार खरीदने की योजना बना रहे हैं तो इसके लिए आपको सही तरीके से जांच कर लेने के बाद ही कोई कार खरीदने का फैसला लेना चाहिए।
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सेकेंड हैंड मार्केट की बजाय आपको किसी शख्स से ही सेकेंड हैंड कार खरीदें। आपको 6 से 12 महीनों के लिए सर्टिफाइड यूज्ड कार ही खरीदना चाहिए। आपको अख़बार या किसी अन्य माध्यम से बेहद ही कम कीमत वाले विज्ञापन देखकर भ्रमित नहीं होना चाहिए। किसी भी कार डीलर से सेकेंड हैंड कार नहीं खरीदना चाहिए, क्योंकि उनके पास गुणवत्ता चेक करने का कोई पैमाना नहीं होता है। इन बातों को भी ध्यान में रखें : किसी भी कार को फिजिकली चेक करने के अलावा आपको कार का बीमा कागज भी चेक करना चाहिए। आपको बीमा कंपनी से पता लगाना चाहिए कि कोई बड़ा क्लेम तो नहीं किया गया है। आपको कार की सर्विस हिस्ट्री के बारे में भी पता करनी चाहिए और उसे सावधानी से पढ़नी चाहिए। अगर कोई कार पानी या बाढ़ की वजह से खराब हुई है तो सर्विस के लिए जरूर गई होगी।