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ढेर सारे नोट छापकर RBI कम कर सकता है गरीबी ? यहां है इस सवाल का जवाब
Last Updated on February 17, 2020 by
नई दिल्ली। कभी-कभी आपके मन में भी ये ख्याल आता होगा कि RBI बहुत से नोट छापकर देश से गरीबी क्यों कम नहीं कर देती ? अगर आप भी ऐसा ही सोचते हैं तो आप अकेले ही नहीं हैं जिनके मन में ऐसा ख्याल आता है। बहुत से लोग इस बात को लेकर दुविधा में हैं। इसलिए हम आपको बताने जा रहे हैं कि RBI ऐसा कर सकती है या नहीं ?
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अर्थशास्त्रियों (Economists) का मानना है कि कोई भी देश अपनी मर्जी से नोट नहीं छाप सकता है। नोट छापने के लिए नियम कायदे बने हैं। अगर देश में ढेर सारे नोट छपने लगें तो अचानक सभी लोगों के पास काफी ज्यादा पैसा आ जाएगा और उनकी आवश्यकताएं भी बढ़ जाएंगी इससे महंगाई सातवें आसमान पर पहुंच जाएगी। किसी भी देश में कितने नोट छापने हैं यह उस देश की सरकार, सेंट्रल बैंक, GDP, राजकोषीय घाटा और विकास दर के हिसाब से तय किया जाता है। हमारे देश में रिजर्व बैंक (reserve Bank) तय करती है कि कब और कितने नोट छापने हैं।