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नई दिल्ली। सालों तक कोर्ट में चले राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले में राम लला विराजमान के विजयी होने के बाद अब मथुरा में श्रीकृष्ण विराजमान ने भी अदालत का दरवाजा खटखटाया है। श्री कृष्ण विराजमान ने मथुरा (Mathura) की अदालत में एक सिविल मुकदमा दायर कर 13.37 एकड़ की कृष्ण जन्मभूमि (Sri Krishna Janmabhoomi) का स्वामित्व मांगा गया है और शाही ईदगाह मस्जिद (Shahi Idgah Mosque) को हटाने की मांग की है। कृष्ण जन्मभूमि पर मुगल काल में कब्ज़ा कर शाही ईदगाह बना दी गई थी। शाही ईदगाह मस्जिद को हटाने की मांग की गई है। अदलात में ये वाद भगवान श्रीकृष्ण विराजमान, कटरा केशव देव खेवट, मौजा मथुरा बाजार शहर की ओर से उनकी अंतरंग सखी के रूप में अधिवक्ता रंजना अग्निहोत्री और छह अन्य भक्तों की तरफ से दायर किया गया है। हालांकि, प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट 1991 इस मामले के आड़े आ रहा है।
बता दें कि इस एक्ट के जरिए विवादित राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मुकदमेबाजी को लेकर मालकिना हक पर मुकदमे में छूट दी गई थी। अलबत्ता, मथुरा-काशी समेत सभी धार्मिक या आस्था स्थलों के विवादों पर मुकदमेबाजी से रोक दिया गया था। अभी कुछ दिन पहले प्रयागराज में अखाड़ा परिषद की बैठक में साधु-संत मथुरा कृष्ण जन्मभूमि और काशी विश्वनाथ मंदिर को लेकर चर्चा की थी। इसमें संतों ने काशी-मथुरा के लिए लामबंदी शुरू करने की कोशिश की। बता दें कि अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण का भूमि पूजन कराने वाले वृंदावन के मुख्य पंडित गंगाधर पाठक ने पूजा के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी से मांग की थी कि वाराणसी में काशी विश्वनाथ एवं मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि भी मुक्त होना चाहिए।
ऐसी मान्यता है कि 1669-70 में, औरंगजेब ने कटरा केशवदेव स्थित भगवान कृष्ण के जन्म के श्री कृष्ण मंदिर को ध्वस्त कर दिया था और एक संरचना बनाई गई थी और इसे ईदगाह मस्जिद कहा गया था। मथुरा के कटरा केशव देव की 13.37 एकड़ जमीन में से 2 बीघा जगह पर शाही ईदगाह मस्जिद ट्रस्ट गैरकानूनी तरीके से काबिज़ है। उसने वहां मस्जिद बना रखी है। यहीं वह जगह है जो भगवान कृष्ण का असल जन्म स्थान है।
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