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Kulbhushan Jadhav: नई दिल्ली। इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (ICJ) में कुलभूषण जाधव मामले को लेकर सुनवाई शुरू हो गई है। भारत-पाकिस्तान 18 साल बाद किसी केस में इंटरनेशनल कोर्ट में आमने-सामने हैं। इससे पहले 1999 में भारत ने पाक नेवी के एक एयरक्राफ्ट को मार गिराया था। इस मामले को लेकर पाकिस्तान ICJ पहुंचा था। इस बार भारत की ओर से अपील की गई है। भारत को अपनी बात रखने के लिए करीब डेढ़ घंटे का वक्त दिया गया। वहीं, पाकिस्तान शाम को अपना पक्ष रखेगा। केस की सुनवाई 11 जजों की बेंच कर रही है। जस्टिस अब्राहम 11 जजों की बेंच को लीड कर रहे हैं। अब्राहम ने भारत और पाकिस्तान के पक्षों को पढ़कर सुनाया।
कोर्ट ने दोनों पक्षों को मौका दिया है कि वे अपनी दलीलें पेश करें। भारत ने अपील की है कि जाधव पर लगाए गए आरोप गलत हैं। इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस में भारत की तरफ से हरीश साल्वे पैरवी कर रहे हैं। नीदरलैंड्स के हेग में ICJ के हेडक्वार्टर में इस केस की सुनवाई चल रही है। पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने जाधव को फांसी की सजा सुनाई थी। इस सजा पर रोक लगाने के लिए भारत ने इंटरनेशनल कोर्ट (आईसीजे) में अपील की थी। इससे पहले भारत की अपील पर 9 मई को इंटरनेशनल कोर्ट ने सुनवाई तक पाकिस्तान से जाधव की फांसी रोकने को कहा था। इंटरनेशनल कोर्ट ने कहा था कि जब तक न्याय की प्रक्रिया पूरी नहीं हो जाती, जाधव को फांसी नहीं दी जा सकती।
गौर हो कि भारत ने 8 मई को आईसीजे में पिटीशन लगाकर जाधव के लिए इंसाफ मांगा था। जाधव को पाकिस्तान ने मार्च 2016 में बलूचिस्तान में गिरफ्तार करने का दावा किया था। पाकिस्तान ने कहा कि जाधव भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ के लिए काम कर रहा था। वहीं, भारत का कहना है कि जाधव को ईरान से अगवा किया गया था। जाधव को 10 अप्रैल को पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत ने कथित तौर पर जासूसी करने और इस्लामाबाद के खिलाफ विध्वंसक गतिविधियों में शामिल रहने के आरोपों को लेकर मौत की सजा सुनाई है।
भारत की ओर से जाधव को मिलने के लिए 16 बार कोशिश की गई, इसके बावजूद संपर्क नहीं करने दिया गया। यह वियना ट्रीटी के खिलाफ है। हालांकि, पाकिस्तान का दावा है कि जाधव को बलूचिस्तान से 3 मार्च, 2016 को अरेस्ट किया गया था। भारत का यह भी कहना है कि पाक ने जाधव की गिरफ्तारी के बाद लंबे समय तक भारत को इसकी जानकारी नहीं दी। इतना ही नहीं, पाकिस्तान ने जाधव को उनके हकों से दूर रखा। भारत की कई बार अपील के बावजूद उसे जाधव तक राजनयिक पहुंच की इजाजत नहीं दी गई, जो उनका हक है। भारत ने कहा कि पाकिस्तान ने गैरकानूनी तरीके से उन्हें हिरासत में रखा है और जाधव की जान को खतरा है।
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