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इस्लामाबाद। पाकिस्तान (Pakistan) के ये कहने के एक हफ्ते बाद कि उनके देश में फांसी की सज़ा काट रहे भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव (Kulbhushan Jadhav) ने अपनी सज़ा-ए-मौत के खिलाफ पुनर्विचार याचिका डालने से इनकार कर दिया है। जिसके बाद भारत ने फिर से ‘बिना शर्त’ काउंसलर एक्सेस का अनुरोध किया। वहीं, अब खबर मिली है कि पाकिस्तान ने भारत के इस अनुरोध को स्वीकार कर लिया है। हालांकि पाकिस्तान ने कुलभूषण जाधव से मिलने के लिए दूसरी बार भारतीय उच्चायुक्त को ‘सशर्त’ राजनयिक पहुंच (Consular Access) दिया है। इसके बाद भारतीय उच्चायोग के अधिकारी वकीलों के साथ विदेश मंत्रालय पहुंचे हैं। दरअसल, पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने बुधवार देर शाम कुलभूषण जाधव को मौत की सजा के खिलाफ अपील करने की अनुमति दे दी थी। अब भारतीय अधिकारी कुलभूषण की पुर्नविचार याचिका पर हस्ताक्षर करेंगे।
पाकिस्तान द्वारा भारतीय उच्चायोग को दूसरी बार राजनयिक पहुंच (Consular Access) की इजाजत दी गई है। जाधव से मुलाकात के लिए पाकिस्तान ने कुछ शर्तें भी रखी हैं। मुलाकात के दौरान भारतीय अधिकारी और जाधव को अंग्रेजी में बात करनी होगी और पाकिस्तान अधिकारी भी इस दौरान मौजूद रहेंगे। पाकिस्तान ने इस महीने के शुरू में कहा था कि वो जाधव को दूसरी काउंसलर एक्सेस देने के लिए तैयार है। लेकिन नई दिल्ली इस बात पर अड़ी है कि ये एक्सेस, ‘बिना किसी रोक-टोक या प्रतिबंध’ के होगी, पहली काउंसलर एक्सेस की तरह नहीं, जो पिछले साल सितंबर में दी गई थी। बता दें कि रिटायर्ड नौसेना अधिकारी जाधव को पाकिस्तान की एक फौजी अदालत ने अप्रैल 2017 में जासूसी और आतंकवाद के आरोप में मौत की सज़ा सुनाई थी। उसके बाद भारत ने मई 2017 में हेग स्थित अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय में मुकदमा दायर करके जाधव के लिए काउंसलर एक्सेस की मांग की थी। पिछले साल जुलाई में आए आईसीजे के फैसले ने जाधव की फांसी पर रोक लगा दी और पाकिस्तान से उसे काउंसलर एक्सेस देने को कहा गया।
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