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Lahul Spiti Snow Festival : लोसर में पारंपरिक वस्तुओं की झलक, महिलाओं ने पेश किया टाशी नृत्य
Last Updated on February 10, 2021 by Sintu Kumar
लाहुल-स्पीति। शीत मरुस्थल कहे जाने वाले जिला लाहुल-स्पीति के स्पीति में स्नो फेस्टिवल (Lahul-Spiti Snow Festival) के तहत तोद घाटी जोन लोसर गांव (Lossar Village) में रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इस दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रम में स्पीति (Spiti) की पारंपरिक वस्तुओं और दैनिक दिनचर्या में इस्तेमाल होने वाली चीजों की प्रदर्शनी भी लगाई गई। एक दिवसीय कार्यक्रम में एडीएम ज्ञान सागर नेगी ( ADM Gyan Sagar Negi) ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की और प्रदर्शनी का भी निरीक्षण किया। इस मौके पर स्थानीय लोगों ने बर्फ से कई कलाकृतियां भी बनाई थीं, जिनमें हाथी, घोड़ा, खरगोश , स्तूप, चिड़िया आदि आकर्षण का केंद्र रहे। लोगों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम (Cultural Programme) के दौरान रंगारंग प्रस्तुतियां दीं। महिला मंडल लोसर ने टाशी (Tashi Dance) (शगुन का नृत्य) पेश किया।
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राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला लोसर (Lossar School) की छात्राओं ने इस मौके पर पारंपरिक नृत्य पेश किया। यूथ क्लब ने याक डांस और डेकर नृत्य पेश किया। प्रदर्शनी में स्पिती के जीवन शैली से जुड़ी हुई सभी वस्तुओं की प्रदर्शनी की गई। इसमें कपड़े, जूते, टोपी, बर्तन, खेती में इस्तेमाल होने वाले औजार और धार्मिक पूजा में इस्तेमाल होने वाली वस्तुएं शामिल थीं। इसके अलावा सत्तू कैसे बनाते, माने (स्टोन आर्ट) में किस तरह काम होता है प्रदर्शनी के जरिए ये चीज़ें भी दिखाई गईं। पुराने समय में शॉल ऊन से किस तरह बनाई जाती है प्रदर्शनी में यह भी प्रदर्शित किया गया।
कार्यक्रम में एडीएम ज्ञान सागर नेगी ने कहा कि यहां के लोगों ने कम समय में सीमित साधनों के बावजूद भी बहुत ही बेहतरीन कार्यक्रम का आयोजन किया। इसके लिए यहां के सभी लोग बधाई के पात्र हैं। प्रदर्शनी में जो स्पीति की संस्कृति और विरासत से जुड़ी हुई वस्तुएं दिखाई गई वो अपने आप ही यहां पर्यटकों को आने के लिए मजबूर करती हैं। बर्फ से सुंदर कलाकृतियां बनाकर यहां के युवकों ने यह साबित कर दिया कि उनके अंदर प्रतिभा की कमी नहीं है। युवाओं को अगर प्रशिक्षण दिया गया तो स्पीति में आर्थिकी और पर्यटन को मजबूत करने में अहम भूमिका निभा सकते हैं।
एडीएम ज्ञान सागर नेगी ने कहा कि प्रशासन पूरा प्रयास करेगा कि युवाओं को इस तरह का प्रशिक्षण दिया जाए ताकि अपनी पारंपरिक विरासत को आगे बढ़ाते रहें। स्नो फेस्टिवल लाहुल-स्पीति में पिछले एक महीने से शुरू हो चुका है। यहां की संस्कृति से जुड़े हुए हर गांव में तरह-तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। पर्यटन की दृष्टि से और सांस्कृतिक विरासत को जीवित रखने के लिए स्नो फेस्टिवल मनाया जा रहा है और स्थानीय लोगों की इस फेस्टिवल में सबसे बड़ी भूमिका है। आगे आने वाले दिनों में स्पीति के अन्य गांव में इस तरह के कार्यक्रम स्नो फेस्टिवल के तहत आयोजित किए जाएंगे , जिनमें यहां के इतिहास रहन-सहन विरासत को दर्शाने की कोशिश की जाएगी। इस मौके पर नायब तहसीलदार विद्या सिंह नेगी सहित लोसर गांव के पंचायत प्रतिनिधि , बीडीसी सदस्य, तोद ज़ोन के कई लोग और मौजूद रहे।
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