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वी कुमार/मंडी। डॉक्टर (Doctor) को हमेशा से भगवान का दूसरा रूप माना जाता है और इस बात को शब्दशः साबित किया है जोनल हास्पिटल मंडी (Zonal Hospital Mandi) में तैनात गायनी स्पेशलिस्ट डा. उदय भानु राणा ने। इन डॉक्टर ने पहले तो अपनी जेब से 12 लाख खर्च करके लैपरोस्कोपिक उपकरण (Laparoscopic device) खरीदे। इसके बाद प्रदेश में पहली बार दो महिलाओं की सफल सर्जरी करके इतिहास रच दिया। बताया गया कि हिमाचल के इतिहास में पहली बार लैप्रोस्कोपिक हिस्टेरेक्टॉमी सर्जरी की गई।
मंडी जिला के सरकाघाट के रहने वाले डा. उदय भानु राणा इससे पहले आईजीएमसी शिमला (IGMC Shimla) में अपनी सेवाएं देते थे। इन्होंने अपनी जेब से 12 लाख खर्च करके लैपरोस्कोपिक उपकरण खरीदकर दो महिलाओं की दूरबीन से बिना टांके के यूटरस निकालने वाली सर्जरी (surgery) करके नया इतिहास रच दिया। इस सर्जरी में डा. संदीप राठौर ने भी अपना अहम योगदान दिया। इन उपकरणों को उन्होंने जोनल हास्पिटल मंडी के आपरेशन थिएटर में ही रखा है। उपकरण खरीदने के बाद उन्होंने हास्पिटल में आपरेशन करवाने आई दो महिलाओं पर इसका उपयोग करके दो सफल आपरेशन (operation) कर डाले। डॉक्टर द्वारा बताया गया कि प्रदेश से बाहर कुछ नीजि अस्पतालों में इस आपरेशन के 1 से 2 लाख रूपए चार्ज किए जाते हैं।
उन्होंने बताया कि आपरेशन से मरीज को छोटा सा चीरा लगाया जाता है जिससे शरीर से खून भी कम निकलता है और दर्द भी कम होता है तथा मरीज को जल्दी ही छुट्टी भी दे दी जाती है। उदय भानु बताते हैं कि उपकरणों की खरीद में इन्हें परिवार का भी पूरा सहयोग मिला। परिवार ने भी आर्थिक रूप से उनकी मदद की और उसी कारण आज वह इन उपकरणों को खरीदकर लोगों को आधुनिक तकनीक की सेवाएं दे पा रहे हैं। डा. उदय भानु राणा ने जेब से लाखों खर्च करके जो आधुनिक उपकरण खरीदे, उससे इन्होंने एक नई मिसाल पेश की है। उम्मीद की जानी चाहिए कि डा. उदय भानु भावी डॉक्टरों के लिए एक प्रेरणा स्त्रोत बनकर उभरेंगे।
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