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पप्पू – टीचर के लिए।
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डॉक्टर – पर क्यों…?
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पप्पू – क्योंकि उन्हें मैं हमेशा गधा ही नजर आता हूं…!!!
सारा घर हिल रहा है…!
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पप्पू – ओए, चुपचाप जाकर सो जा,
घर गिरेगा तो हमारा क्या जाएगा,
हम तो किरायेदार हैं…!!!
इसकी आंखों में आंसू ना आने पाए।
दामाद – ठीक है प्याज मैं काट दूंगा,
पर बर्तन तो इसे ही मांजने पड़ेंगे…!!!
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बंता – नर्स बार-बार कह रही थी कि डरो मत, हिम्मत रखो, कुछ नहीं होगा…
ये तो बस एक छोटा सा ऑपरेशन है!
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संता – तो इसमें डरने वाली कौन सी बात है? सही तो कह रही थी नर्स!
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बंता – वो ये बात मुझसे नहीं, डॉक्टर से कह रही थी…!!!
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बॉस ने पूछा – तुम्हें मेरा जोक समझ में नहीं आया क्या…?
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पप्पू बोला – सर, मेरा दूसरी कंपनी में सेलेक्शन हो गया है…!!!
‘संगठन में ही शक्ति है’ का एक अच्छा सा उदाहरण दो
मास्टर जी – ‘संगठन में ही शक्ति है’ का एक अच्छा सा उदाहरण दो।
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छात्र – जेब में एक बीड़ी हो तो टूट जाती है और पूरा बंडल हो तो नहीं टूटता!
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बेचारे मास्टर जी अब तक बेहोश हैं…!
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भगवान – क्यों खाली हाथ आये। नारियल केला और सेब नहीं लाए…?
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संता – भगवान जी आप कर्म करो,
फल की चिंता मत करो…!!!
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