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दवाई के पैकेट में 10 टेबलेट ही क्यों होती है?
Last Updated on October 24, 2020 by Deepak
पुत्र (पिता से)- ‘डैडी रावण कौन था?’
पिता (बच्चे को डांटते हुए)- ‘अरे इतना भी नहीं मालूम!
.
तू स्कूल में क्या पढ़ता है?
जा टेबल पर से ‘महाभारत’ उठा ला, मैं बताए देता हूं।’
रमन (अपने दोस्त से)- कभी किसी ने ये सोचा…
कि दवाई के पैकेट में 10 टेबलेट ही क्यों होती है?
दोस्त- नहीं?
रमन- तुम्हारी जानकारी के लिए बता दूं
कि 10 टेबलेट की यह प्रथा तब चालू करवाई गई थी,
जब लंकाधिपति रावण को सिरदर्द हुआ था।
एक फ्लैट में घंटी बजती है और घर में अकेली महिला दरवाज़ा खोलती है …
भिक्षुक:“माई, भिक्षा दे।”
भिक्षुक:“माई … ज़रा यह द्वार पार करके बाहर तो आना।”
वह द्वार पार करके बाहर आती है।
भिक्षुक (उसे पकड़ते हुए ): “हा .. हा … हा … मैं भिक्षुक नहीं, रावण हूं !”
महिला: “हा .. हा .. हा … मैं भी सीता नहीं, कामवाली बाई हूं।”
रावण : “हा..हा..हा.. सीता का अपहरण करके आज तक पछता रहा हूं,
तुम्हें ले जाऊंगा तो मंदोदरी खुश हो जायेगी। मुझे भी कामवाली बाई की ही ज़रूरत है …”
महिला :“हा, हा, हा … सीता को ढूंढने सिर्फ राम आए थे …
मुझे ले जाओगे तो सारी बिल्डिंग ढूंढते पहुंच जाएगी।”
एक दिन रावण डिस्को गया।
और वहां जाकर वह बेहोश हो गया।
क्यों? …………
क्योंकि ….
वहां गेट पर लिखा था – “एंट्री फीस रू 1500/- पर हेड
Tipu – अगर शून्य की खोज आर्यभट्ट ने की थी…
और आर्यभट्ट का जन्म कलयुग में हुआ
तो उससे पहले 100 कौरव और रावण के 10 सिर की गिनती किसने की थी?
Teacher अवकाश लेकर उत्तर की खोज में भटक रहे हैं।
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