- Advertisement -
बेटा, इस फेरे में दुल्हन आगे चलेगी, तू इसके पीछे चलेगा।
दुल्हन आगे चली… लेकिन चलते-चलते दूल्हा आगे निकल गया।
पंडित जी ने दोबारा से दुल्हन को आगे किया…
मगर फिर दूल्हा आगे निकल गया।
तीन-चार बार ऐसे ही हुआ तो पंडित जी ने गुस्से से
दूल्हे के पिता से कहा- ये पागल है या इसका दिमाग खराब है?
दूल्हे का पिता बोला- पंडित जी, न तो ये पागल है और
न ही इसका दिमाग खराब है।
दरअसल, ये एक ड्राइवर है और इसे ओवरटेक करने की आदत है…!!!
“यहां कुत्ते सुसु करते हैं!”
संता ने वहां सुसु किया और
फिर हंस कर बोला:
इसे कहते हैं दिमाग..
सुसु मैंने किया और नाम कुत्ते का आएगा!!
लड़की: मेरे मोबाइल में नेटवर्क नहीं आ रहा है देखना!
दुकानदार: मैडम यह तो खराब मौसम की वजह से है!
लड़की: यह लो 500 रूपए नया मौसम डाल दो ना।
दुकानदार बेहोश….
यार इसको कहीं देखा हूं..
काफी देर टेंशन में सोचते-सोचते..
धत्त तेरी की ये तो वही है जो
.
.उस दिन मेरे साथ.. बाल कटवा रहा था।
कमरे का दरवाजा खोला तो
बरामदे पर एक बूढ़ी औरत सो रही थी।
खटपट से उसकी आंख खुल गई।
चोर ने घबरा कर देखा तो वह लेटे लेटे बोली:-
बेटा, तुम देखने से किसी अच्छे घर के लगते हो,
लगता है किसी परेशानी से मजबूर होकर
इस रास्ते पर लग गए हो।
चलो ….कोई बात नहीं।
अलमारी के तीसरे बक्से में एक तिजोरी है
इसमें का सारा माल तुम चुपचाप ले जाना।
मगर
पहले मेरे पास आकर बैठो,
मैंने अभी-अभी एक ख्वाब देखा है।
वह सुनकर जरा मुझे इसका मतलब तो बता दो।
चोर उस बूढ़ी औरत की रहमदिली से बड़ा अभिभूत हुआ
और चुपचाप उसके पास जाकर बैठ गया।
बुढ़िया ने अपना सपना सुनाना शुरु किया:-
बेटा, मैंने देखा कि मैं एक रेगिस्तान में खो गइ हूँ।
ऐसे में एक चील मेरे पास आई और उसने…
3 बार जोर-जोर से बोला:- *पंकज! पंक़ज! पंकज!!!*
बस फिर ख्वाब खत्म हो गया और मेरी आंख खुल गई।
जरा बताओ तो इसका क्या मतलब हुई?
चोर सोच में पड़ गया।
इतने में बराबर वाले कमरे से
बुढ़िया का नौजवान बेटा पंकज अपना नाम
ज़ोर ज़ोर से सुनकर उठ गया और अंदर आकर चोर की
जमकर धुनाई कर दी।
बुढ़िया बोली:- बस करो अब
यह अपने किए की सजा भुगत चुका।
चोर बोला:- नहीं-नहीं! मुझे और कूटो, सालों!
ताकि मुझे आगे याद रहे कि…
मैं चोर हूँ, सपनों का सौदागर नहीं।
- Advertisement -