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नई दिल्ली। 83 साल की उम्र में मास्टर्स की डिग्री (master’s degree) हासिल करके, सोहन सिंह गिल (Sohan Lal Gill) ने साबित कर दिया है कि सीखने में कभी देर नहीं होती। बुधवार को अपने वार्षिक दीक्षांत समारोह में जालंधर (Jalandhar) के एक विश्वविद्यालय द्वारा डिग्री प्रदान किए जाने पर उन्हें बहुत सराहना मिली। बता दें कि पंजाब (Punjab) के सोहन सिंह गिल ने 83 साल की उम्र में एमए (अंग्रेज़ी) की डिग्री हासिल की है। 1957 में ग्रैजुएशन के बाद टीचिंग कोर्स कर सोहन नौकरी करने केन्या चले गए थे और 1991 में भारत लौटने के बाद 2017 तक उन्होंने विभिन्न स्कूलों में पढ़ाया। सोहन ने बताया, ‘पोस्ट ग्रैजुएशन करने की चाहत हमेशा से मेरे दिल में थी।’
होशियारपुर (Hoshiyarpur) के दाता गांव के एक मूल निवासी, गिल ने 1957 में खालसा कॉलेज, माहिलपुर से स्नातक की पढ़ाई पूरी की और अगले वर्ष अमृतसर के खालसा कॉलेज से अध्यापन का कोर्स पूरा करने के बाद पढ़ाई छोड़ दी। उन्होंने बताया कि जब वह पढ़ते थे तो उनके कॉलेज के वाइस प्रिंसिपल ने सलाह दी कि वे मास्टर डिग्री ले लें तो कॉलेज में लेक्चरर बन सकते हैं। लेकिन किस्मत को कहीं और ले जाना था। वह साउथ अफ्रीकी देश केन्या चले गए थे जहां उन्हें टीचिंग की जॉब मिल गई थी। वहां से वे 1991 में भारत लौटे और तब से अब तक कई स्कूलों में पढ़ा चुके हैं। लेकिन उनके मन में इच्छा थी कि वह मास्टर की डिग्री भी ले लें। दो साल पहले उन्हें जालंधर यूनिवर्सिटी में उन्होंने डिस्टेंस लर्निंग के लिए नामांकन कराया और एम इंग्लिश की पढ़ाई की। उन्होंने बताया कि वह जो चाह रहे हैं उसे पाना कोई उनके लिए कोई मुश्किल काम नहीं था। इच्छा शक्ति और ईश्वर की कृपा से उन्होंने एमए की डिग्री हासिल कर ली।
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