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नई दिल्ली। अयोध्या ज़मीन विवाद मामले (Ayodhya case) में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में जस्टिस बोबड़े ने पूछा कि क्या इस वक्त दुनिया में रघुवंश (Ram’s dynasty) का कोई वंशज मौजूद हैं? जिसपर रामलला के वकील के परासरण ने कहा कि मुझे नहीं पता। परासरण ने अदालत को बताया कि रामायण में उल्लेख है कि सभी देवता भगवान विष्णु के पास गए और रावण के अंत करने की बात कही। तब विष्णु ने कहा कि इसके लिए उन्हें अवतार लेना होगा इस बारे में जन्मभूमि का वर्णन किया गया है और इसका महत्व है।
उन्होंने आगे कहा कि ये मामला दशकों से लटका हुआ है, इसलिए इसका समाधान होना चाहिए। पुरातत्व विभाग के सबूत दिखाते हैं कि मस्जिद से पहले भी उस स्थान पर कुछ निर्माण था। जिस पर कोर्ट ने जवाब देते हुए कहा कि वह इस मामले की रोजाना सुनवाई जारी रखेगा। जब राजीव धवन की बारी आएगी और उन्हें छुट्टी की जरूरत होगी तो उन्हें ब्रेक दिया जाएगा। अगले हफ्ते से सुनवाई फिर शुरू होगी। वहीं इससे पहले मुस्लिम पक्ष (Muslim side) के वकील वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव धवन ने सुप्रीम कोर्ट में मामले की सप्ताह में 5 दिन सुनवाई (Hearing) पर अपना विरोध दर्ज कराते हुए कहा, ‘यह अमानवीय है, सुनवाई में जल्दबाज़ी नहीं की जा सकती।’ उन्होंने कहा, ‘अगर ऐसे चलता रहा, मुझे मजबूरन केस छोड़ना पड़ेगा।’ तैयारी करने के लिए समय न मिल पाने की मुस्लिम पक्ष की दलील को बाद में सुप्रीम कोर्ट ने नकार दिया।
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