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धर्मशाला। केंद्रीय विश्वविद्यालय (Central university) पांचवां दीक्षांत समारोह शुक्रवार को आयोजित किया गया। समारोह में 799 विद्यार्थियों को उपाधि (Degree) प्रदान की गई। वहीं 35 शोधार्थियों को पीएचडी की डिग्री व 32 विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक प्रदान किए गए। दीक्षांत समारोह के मुख्य अतिथि पूर्व सांसद शांता कुमार थे। समारोह की अध्यक्षता कुलाधिपति डॉ. हरमोहिंदर सिंह बेदी ने की। समारोह में हिमाचल केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. कुलदीप चंद अग्निहोत्री ने अतिथियों का स्वागत किया। सीयू के रजिस्ट्रार ने आभार व्यक्त किया।
पूर्व सांसद शांता कुमार (Former MP Shanta Kumar) ने गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की आवश्यकता पर जोर दिया और छात्रों में बढ़ती आत्महत्या दर पर दुख व्यक्त किया। उन्होंने कहा जीवन पूरी तरह से कठिन है और किसी को सभी बाधाओं का सामना साहसपूर्वक करना पड़ता है, तभी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है। शांता कुमार (Shanta Kumar) ने कहा कि अब विश्वविद्यालयों का विकास हो रहा है, लेकिन शिक्षा का स्तर काफी नीचे जा रहा है। पूर्व सांसद शांता कुमार ने कहा कि हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय का एक दशक बाद भी निर्माण न करवा पाना नेताओं का दुर्भाग्य है, लेकिन अब उम्मीद है कि शीघ्र ही केंद्रीय विवि (Central university) का निर्माण हो सकेगा।
पूर्व सीएम शांता कुमार ने विवि के विद्यार्थियों को कहा कि देश में भाषण उद्योग ने सबसे ज्यादा उन्नति की है, लेकिन हमें वाणी बहादुर नहीं बनना है, कर्म बहादुर बनना है। वाणी नहीं बोलनी चाहिए, जीवन बोलना चाहिए। चितंबरम पर चुटकी लेते हुए कहा कि एक नेता अब जेल में हैं, जबकि उनके भाषणों में कुछ ओर ही सुनने को मिलता था।
दीक्षांत समारोह में सचिन, रिषी कांत, स्वाति सिंह, स्वाति कुमारी, हिमांशु, अल्का, देवेंद्र कुमार, दीपक, संदीप सिंह, सुनील कुमार, इंदु कुमारी, वीरबाला शर्मा, पवन कुमार, वंदना शारदा, धारा हंस, संजय कुमार, यशपाल, आशीष कुमार, अनिल सिंघल, रवि कुमार, आशा कुमारी, पूनम देवी, पदमनी संधू, ओंकार सिंह, अंकिता शर्मा, शिल्पा, अनिल, अजय, सुशील, अरची भाटिया, विक्रांत, राजीव व मायांग्लंबम बिमोलचंद्र सिंह को पीएचडी की डिग्री दी गई।
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