वन विभाग की मुहिम लाई रंग, आग से नुकसान का आंकड़ा हुआ कम
जागरुकता अभियान और अन्य कार्यक्रमों के चलते पाया यहा मुकाम
Update: Monday, July 15, 2019 @ 5:14 PM
ऊना। जिला ऊना प्रदेश का सबसे गर्म जिला होने के कारण यहां जंगलों में आग की घटनाएं भी सबसे ज्यादा होती हैं, जिससे वन विभाग को हर वर्ष लाखों का नुकसान होता था। लेकिन, इस वर्ष फायर सीजन के मद्देनजर वन विभाग (Forest Department) द्वारा शुरू किए गए विभिन्न कार्यक्रमों (Program) के तहत नुकसान पर अंकुश पाने में कामयाबी मिली है। नुकसान का आंकड़ा जहां 2018 में 19 लाख था, वहीं इस साल यह आंकड़ा लाखों से घटकर हजारों में पहुंच गया है, जिसका श्रेय वन विभाग द्वारा शुरू किए गए जागरुकता अभियान और अन्य कार्यक्रमों को जाता है।
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जिला वन अधिकारी की माने तो जंगलों में आग लगने के अधिकतर मामले निजी भूमि पर लोगों द्वारा बिना अनुमति के आग लगाने से पेश आते थे। वन अधिकारी (Forest officer) ने बताया कि इसमें विभाग द्वारा प्रति कनाल आग लगाने पर सिर्फ 50 रुपए
जुर्माने का प्रावधान था, जिसे इस बार बढ़ाकर 5 हजार रुपए प्रति कनाल किया गया। जिससे
निजी भूमि (Private land) पर आग लगाने से भू मालिकों ने परहेज किया और वन विभाग से अनुमति लेकर ही अपनी भूमि पर आग (Fire) लगाई।
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सात दिन में रोपे जाएंगे अढ़ाई लाख पौधे
वन मंडलाधिकारी यशुदीप सिंह ने बताया कि विभाग द्वारा 19 से 25 जुलाई तक पौधरोपण अभियान (Plantation campaign) शुरू किया जा रहा है। यशुदीप सिंह ने बताया कि इस अभियान के दौरान विभिन्न विभागों और संस्थाओं के सहयोग से 229
हेक्टेयर भूमिपर दो लाख से अधिक पौधे रोप जाएंगे। जबकि इसके अलावा ऊना से लेकर अंब तक
रेलवे लाइन(Railway Line) के किनारों पर भी करीब 60 हजार पौधे लगाए जाएंगे।
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