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कोरोना काल में हंसी दूर करेगी आपका हर डर और बीमारी
Last Updated on October 28, 2020 by
कोरोना काल में हर आदमी कहीं ना कहीं डरा हुआ है और इस वजह से कई तरह की बीमारियों का शिकार भी बनता जा रहा है। ऐसे में सिर्फ हंसी ही सकारात्मक ऊर्जा (positive energy) का संचार कर सकती है। हास्य एक सार्वभौमिक भाषा है इसमें सभी अपवादों से दूर रहकर मानवता को समन्वित करने की क्षमता है। आपाधापी के इस युग में हर आदमी सुबह से शाम तक डिप्रेशन में रहता है और इसकी वजह से जाने कितनी शारीरिक मानसिक बीमारियां लगी रहती हैं इसलिए जरूरी है थोड़ा वक्त रिलैक्स होने के लिए भी हो। प्राकृतिक हंसी तो हम भूल ही गए हैं और तरह-तरह के उपाय हंसी लाने के लिए करते हैं। अब तक कितने ही लाफिंग क्लब (Laughing Club) खुल गए हैं और तो और हंसी को भी हास्य योग का जामा पहना दिया गया है। जाहिर है कि हमारी हंसी खो गई है तो उसे वापस लाने की ये कोशिशें तो करनी ही होगी।
वैसे हास्य योग भी एक आसान व सहज क्रिया है। हंसने से चेहरे के आंतरिक भागों वाली मांसपेशियों को बहुत लाभ होता है। इससे लेक्टिव एसिड (दूषित पदार्थ) बाहर जाता है, मस्तिष्क की अल्फा वेन एक्टिव होती हैऔर वीटा वेन डाउन होती है। यह प्रक्रिया आपको प्रसन्नता देती है और इससे तनाव दूर हो जाता है। समूह में हंसने से ज्यादा फायदा होता है, पर एक साथ सबको हंसी आए कैसे…? जाहिर है नकली हंसी का तो कोई मतलब नहीं। कोई भी जब हंसता है तो वह कुछ पलों के लिए सबसे अलग हो जाता है। उसके उलझे हुए विचार खत्म हो जाते हैं और मन मस्तिष्क प्रफुल्लित होने लगते हैं। इससे उसे आराम मिलता है।आपके पास दो विकल्प हैं या तो ऐसे लोगों के साथ रहें जो गंभीर और बोझिलता से भरे हों और दूसरा विकल्प जिंदादिल इंसान के साथ रहने का है। मनोवैज्ञानिक अध्ययन (Psychological study) से यह सिद्ध हो गया है कि ज्यादा हंसने वाले बच्चे ज्यादा बुद्धिमान होते हैं। हंसने से रक्तसंचार की गति बढ़ती है और पाचनतंत्र कुशलता से कार्य करता है। आज के दौर में लोग अपनी मुस्कुराहट और हंसी को भूलते जा रहे हैं, जबकि इससे व्यक्ति तनाव, ब्लड प्रेशर, शुगर,माइग्रेन, हिस्टीरिया और डिप्रेशन जैसी बीमारियों का शिकार होता जा रहा है इसलिए हंसिए … क्योंकि हंसी जीवन का प्रभात है … शीतकाल की मधुर धूप है और ग्रीष्म की दुपहरी में सघन छाया इसलिए हंसना जरूरी है।