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विस विशेष सत्रः Mukesh बोले-चर्चा से भाग रही सरकार, ताक पर रखे जा रहे नियम
Last Updated on January 6, 2020 by Deepak
शिमला। नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने विधानसभा (Vidhan Sabha) के कल यानि 7 जनवरी को होने वाले विशेष सत्र के दौरान पूरे साल का लेखा-जोखा सदन में न रखे जाने को लेकर सीएम जयराम ठाकुर (CM Jai Ram Thakur) और उनके मंत्रिमंडल (Cabinet) को आड़े हाथ लिया। मुकेश अग्निहोत्री ने परंपराओं का हवाला देते हुए कहा कि राज्यपाल (Governor) दो ही परिस्थितियों में विधानसभा (Vidhan Sabha) में आमंत्रित किए जाते हैं। एक जब नई सरकार का गठन होने के पश्चात विधानसभा (Vidhan Sabha) का पहला सत्र हो और दूसरा जब नए साल का पहला सत्र हो, जिसमें पिछले वर्ष की सरकार की उपलब्धियां, अभिभाषण के रूप में दर्शाई जाती हैं। परंतु हिमाचल सरकार (Himachal Govt) ने साल का पहला सत्र तो बुला लिया, लेकिन सरकार चर्चा से भाग रही है।
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उन्होंने सरकार पर हमला करते हुए कहा कि या तो अफसरशाही इस अल्पकाल में सरकार की उपलब्धियों को तैयार ही नहीं कर पाई या फिर सरकार के पास गिनाने को उपलब्धियां ही नहीं हैं। उन्होंने कहा कि यह पहली बार नहीं हुआ कि यह सरकार चर्चा से बच रही है। सरकार ने पिछले दो वर्ष के कार्यकाल में विधानसभा (Vidhan Sabha) की निर्धारित आवश्यक बैठकों को भी पूरा नहीं किया और इसके चलते नियमों में विशेष छूट ली गई।
उन्होंने कहा कि जहां विशेष सत्र में अनुसूचित जातियों (SC) और जनजातियों (ST) के लिए स्थानों के आरक्षण को अन्य दस वर्ष के लिए अर्थात 25 जनवरी 2030 तक जारी रखने का प्रस्ताव पारित करना है, वहीं संविधान के अनुच्छेद-176 (Article -176) का भी ध्यान रखना चाहिए था। भारत के संविधान के अनुच्छेद-176 (Article -176) के मुताबिक राज्यपाल सिर्फ पहले सत्र में ही विधानसभा आते हैं। राज्यपाल (Governor) को संविधान का प्रहरी होने के नाते सरकार को अनुच्छेद-176 (Article -176) का हवाला देते हुए अपने अभिभाषण पर चर्चा और सत्र को करवाने के लिए निर्देश देना चाहिए था। वैसे भी मौजूदा सरकार नियमों को ताक पर रखते हुए ही कार्य कर रही है।