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हैदरपोरा एनकाउंटर: लेफ्टिनेंट गवर्नर मनोज सिन्हा ने दिए मजिस्ट्रेट जांच के आदेश
Last Updated on November 19, 2021 by saroj patrwal
जम्मू कश्मीर। जम्मू कश्मीर (Jammu Kashmir) के उप राज्यपाल मनोज सिन्हा (Manoj Sinha) ने जम्मू कश्मीर प्रशासन (Jammu Kashmir Administration) को हैदरपोरा मामले की गुरुवार को मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए हैं। उप राज्यपाल ने ट्वीट करते हुए लिखा कि हैदरपोरा मुठभेड़ मामले में एडीएम पद के अधिकारी द्वारा मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए गए हैं। जैसे ही समयबद्ध तरीके से रिपोर्ट सौंपी जाएगी तो सरकार उचित कार्रवाई करेगी। जम्मू कश्मीर प्रशासन निर्दोष नागरिकों की जान की रक्षा करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराता है और वह सुनिश्चित करेगा कि कोई अन्याय न हो। बता दें कि मारे गए चार लोगों में से तीन के परिवार वालों ने घटना को लेकर प्रदर्शन किया था।
A magisterial inquiry by officer of ADM rank has been ordered in Hyderpora encounter.Govt will take suitable action as soon as report is submitted in a time-bound manner.JK admin reiterates commitment of protecting lives of innocent civilians&it will ensure there is no injustice.
— Office of LG J&K (@OfficeOfLGJandK) November 18, 2021
दरअसल, बीते 15 नवंबर को श्रीनगर के हैदरपोरा इलाके में आतंकियों से मुठभेड़ के दौरान दो संदिग्ध आतंकियों के साथ ही दो नागरिकों की भी मौत हुई थी। इनमें से एक व्यापारी मालिक मोहम्मद अल्ताफ़ भट और दूसरे दंत चिकित्सक डॉ. मुदस्सिर गुल शामिल हैं। पुलिस ने आतंकियों का सहयोगी बताते हुए दोनों लोगों के शवों को दफ़ना दिया। जिन्हें बीती रात निकाला गया।
मोहम्मद अल्ताफ भट (मकान मालिक), डॉ. मुदस्सिर गुल (किरायेदार) और आमिर मागरे (गुल के साथ काम करने वाला लड़का) के परिवार के सदस्य अपने परिजन के ‘मारे जाने’ के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्होंने मांग की कि मृतकों के शव अंतिम संस्कार के लिए उन्हें सौंपे जाएं। मुठभेड़ में मारे गए सभी चार लोगों के शवों को कुपवाड़ा जिले के हंदवाड़ा इलाके में दफनाया गया है।
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मामले को लेकर डीजीपी कश्मीर रेंज विजय कुमार ने दावा किया कि गुल आतंकवादियों के करीबी सहयोगी थी, वे भट के मालिकाना हक वाले शॉपिंग कॉम्प्लेक्स में कॉल सेंटर चला रहे थे। डीजीपी कश्मीर रेंज ने भट की मौत पर अफसोस जताते हुए कहा कि उनका नाम आतंकवादियों को ‘पनाह देने वालों’ में गिना जाएगा।
भट और गुल के परिवारों ने बुधवार को श्रीनगर के प्रेस एन्क्लेव में पुलिस के उनके आतंकी होने के दावे का खंडन करते हुए विरोध प्रदर्शन किया और मांग की कि उनके परिजन के शव उन्हें लौटाए जाएं, क्योंकि वे आतंकवादी नहीं थे। मोहम्मद आमिर के पिता लतीफ मगराय ने भी अपने बेटे के आतंकवादी होने के अधिकारियों के दावे को खारिज कर दिया।
हैदरपोरा में मुठभेड़ के बाद जम्मू कश्मीर पुलिस ने इसे लेकर एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है, जो डॉ. मुदस्सिर गुल और मोहम्मद अल्ताफ भट की मौत की जांच करेगी। डॉ. मुदस्सिर गुल जमीन दिलाने वाले ब्रोकर के रूप में भी काम करते थे और उनका ऑफिस भट के कॉम्प्लेक्स में ही था।
जम्मू कश्मीर पुलिस का दावा है कि डॉ. मुदस्सिर ने विदेशी नागरिक हैदर की मदद की और उसे किराये पर रहने का स्थान दिया था, जो इसे ‘हाई-टेक ठिकाने’ के रूप में इस्तेमाल कर रहा था। पुलिस ने ठिकाने से कुछ हथियार, मोबाइल फोन और कई कंप्यूटर बरामद करने का भी दावा किया है।
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