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पुराने लेनदेन मामले में हुई हत्या के दोषी को उम्रकैद की सजा, युग हत्याकांड पर भी अपडेट
रामपुर। पुराने लेनदेन को लेकर की गई हत्या (Murder) के मामले में दोषी को उम्र कैद की सजा सुनाई गई है। इसके अलावा दो लाख जुर्माना भरने के भी आदेश दिए गए हैं। यह फैसला अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायालय किन्नौर स्थित रामपुर (Rampur) ने सुनाया। हत्या के जुर्म में दोषी अनिल कुमार कुहल गांव का रहने वाला है। मामला इस प्रकार था कि 20 मार्च 2018 को दोषी अनिल कुमार अपने गांव के अन्य साथियों के साथ भेड़-बकरियां चुगाने झुमकराई जंगल में गया हुआ था। जहां पर कापटी गांव का कली दास भी अपनी भेड़ों को चुगाने के लिए आया था। यहां पर इन सभी ने मिलकर शराब (Liquor) पी। शाम करीब 5 बजे दोषी अनिल कुमार और उसके साथी अपने गांव की तरफ निकल गए और कली दास भी अपनी भेड़ों को लेकर घर की ओर निकल गया।
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मृतक की जेब से 20 रुपए निकाल हुआ था फरार
थोड़ा आगे जाने पर अनिल कुमार किसी वजह से कली दास से बात करने के लिए वापस आया। जहां पर इन दोनों की किसी पुराने लेन-देन पर बहस हो गई। बहस इतनी बढ़ गई की दोनों में मारपीट (Beating) होने लगी और इसी बीच कलीदास की मौत हो गई। कली दास की मौत होने के बाद अनिल कुमार ने कली दास की जेब में मौजूद करीब 20 हजार की राशि निकाली और वहां से भागकर घर की ओर चला गया। हालांकि जंगल (Forest) में हुई इस पूरी घटना के बारे में वहां मौजूद सभी साथियों को जानकारी थी। घटना की सूचना पुलिस (Police) को जब मिली तो मामला विधि धारा 302 आईपीसी के तहत पुलिस थाना झाखड़ी में दर्ज किया गया।
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चार लोग हुए बरी
प्रभारी पुलिस थाना झाखड़ी जीतराम ने मामले की जांच की और सभी साक्ष्यों को एकत्रित करने के बाद और गवाहों के बयान कलमबद्ध करने के बाद चालान तैयार करके अदालत में पेश किया। सभी पांच अभियुक्तों के खिलाफ अदालत (Court) में चालान पेश किया गया। मुकद्दमें की पैरवी के दौरान 20 गवाहों के बयान कलमबंद किए गए। साक्ष्यों के आधार पर 4 लोगों को बरी किया गया और अनिल कुमार के खिलाफ दोष साबित होने पर उम्रकैद व 2 लाख रुपए जुर्माना की सजा सुनाई गई। यह दो लाख रुपए की राशि पीड़ित परिवार को मुआवजे के तौर पर दी जाएगी। सरकार की तरफ से मुकदमे की पैरवी उप जिला न्यायवादी कमल चंदेल द्वारा की गई।
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युग हत्याकांड में सजा-ए-मौत के पुष्टिकरण पर हाईकोर्ट में अंतिम सुनवाई 18 अप्रैल को होगी।
शिमला। प्रदेश हाईकोर्ट (Himachal High Court) में फिरौती के लिए बच्चे की हत्या करने वाले दोषियों के मृत्युदंड पर सुनवाई 18 अप्रैल को निर्धारित की गई है। मुख्य न्यायाधीश मोहम्मद रफीक व न्यायाधीश ज्योत्स्ना रिवाल दुआ की खंडपीठ के समक्ष इस मामले पर सुनवाई हुई। मामला सत्र न्यायाधीश की ओर से रेफरेंस के तौर पर हाईकोर्ट के समक्ष रखा गया है। इस मामले में तीनों दोषियों ने भी अपील के माध्यम से सत्र न्यायाधीश के फैसले को चुनौती दी है। उल्लेखनीय है कि तीन दोषियों को फिरौती के लिए चार साल के मासूम युग (YUG) की अपहरण के बाद निर्मम हत्या करने पर जिला एवं सत्र न्यायाधीश शिमला की अदालत ने फांसी की सजा सुनाई है। 6 सितंबर 2018 को तीनों दोषी चंद्र शर्मा, तेजिंद्र पाल और विक्रांत बख्शी को सजा सुनाते हुए न्यायाधीश वीरेंद्र सिंह की अदालत ने इस अपराध को दुर्लभ में दुर्लभतम श्रेणी के दायरे में पाया था। तीनों दोषियों ने 14 जून, 2014 को शिमला के रामबाजार से फिरौती के लिए युग का अपहरण किया था। अपहरण के दो साल बाद अगस्त 2016 में भराड़ी पेयजल टैंक से युग का कंकाल बरामद किया गया था। तीनों ने मासूम के शरीर में पत्थर बांध कर उसे जिंदा पानी से भरे टैंक में फेंक दिया था।