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वी कुमार/ मंडी। साढ़े चार वर्षों के लंबे इंतजार के बाद मंडी ( Mandi) को 24 घंटे पानी की सौगात मिल गई है। 82 करोड़ से भी अधिक की लागत से बनी प्रदेश की सबसे बड़ी ग्रेविटी बेस वॉटर स्कीम ( Gravity Base Water Scheme) के कार्य को लगभग पूरा कर लिया गया है। इस योजना का 95 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है जबकि 5 प्रतिशत काम आगामी एक सप्ताह में पूरा होने जा रहा है। उहल नदी( Uhal River)से मंडी शहर तक लाए गए पानी की सप्लाई( Supply of water) शहर के सभी 13 वार्डों के अलावा साथ लगते 11 गांवों के लिए भी शुरू कर दी गई है। बीते दो महीनों से उक्त इलाकों में इसी योजना के तहत पानी की सप्लाई दी जा रही है। योजना के विधिवत उदघाटन के लिए अब सीएम जयराम ठाकुर का इंतजार किया जा रहा है। आईपीएच मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर( IPH Minister Mahendra Singh Thakur ने बताया कि 24 घंटे पानी की योजना का निर्माण लगभग पूरा हो चुका है और सीएम जयराम ठाकुर ( CM Jairam Thakur) से समय मिलते ही इसका विधिवत रूप से उद्घाटन कर दिया जाएगा।
हर वर्ष होगी दो करोड़ की बचत
24 घंटे पानी की इस योजना से आईपीएच विभाग के हर वर्ष दो करोड़ रूपए बचा करेंगे। यह प्रदेश की सबसे बड़ी ग्रेविटी बेस वॉटर स्कीम है। उहल नदी से मंडी शहर तक और फिर उससे आगे पानी की सप्लाई ग्रेविटी बेस ही की गई है। विभाग को हर वर्ष ब्यास नदी से पानी अपलिफ्ट करने और फिर उसे लोगों तक पहुंचाने के लिए दो करोड़ का बिजली बिल अदा करना पड़ता था। इस योजना के तहत कुल 15 टैंकों का निर्माण किया गया है। जो मौजूदा स्कीम है उसे भी यथावत रखा गया है और उसका इस्तेमाल जरूरत के समय किया जाएगा। आईपीएच मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर का दावा है कि मंडी शहर और साथ लगते गांवों के किसी भी व्यक्ति को पानी की दिक्कत का सामना नहीं करना पड़ेगा।
82 करोड़ से बनी 24 घंटे पानी की योजना के लिए शहर वासियों को साढ़े चार वर्षों का लंबा इंतजार करना पड़ा। फरवरी 2015 में तत्कालीन सीएम वीरभद्र सिंह ने इसकी आधारशिला रखी थी और तीन वर्षों में योजना के बनने का लक्ष्य निर्धारित किया था। लेकिन एफसीए की अप्रूवल ( FCA Approval) देरी से आने के कारण इसके निर्माण में विलंब हुआ। 2017 में एफसीए की मंजूरी मिली जिसके बाद 24 किमी लंबी पाईप लाईन बिछाने का कार्य शुरू हो सका। आईपीएच मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर इस योजना की देरी के लिए पूर्व की कांग्रेस सरकार को दोषी मानते हैं। अब यह योजना बनकर तैयार हो चुकी है और मंडी शहर के कुछ स्थानों में दिन में दो बार जबकि मुख्य बाजार में दिन में तीन बार पानी की सप्लाई दी जा रही है। भविष्य में पानी की सप्लाई को बढ़ाया जाएगा और 40 वर्षों तक शहर को पानी की दिक्कत नहीं झेलनी पड़ेगी। खास बात यह भी होगी कि बरसात के मौसम में मौसम में गाद के कारण पानी की सप्लाई बाधित नहीं होगी। क्योंकि ब्यास नदी से जो पानी शहर को दिया जाता है उसमें यह दिक्कत आती थी, इस समस्या को दूर करने के लिए ही 24 किमी दूर उहल नदी का पानी मंडी शहर पहुंचाया गया है।
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