गुड़हल की चाय का सेहत से कनेक्शन
Update: Sunday, March 10, 2019 @ 5:07 PM
गुड़हल के फूल देखने में जितने सुंदर होते हैं उतने ही
स्वास्थ्य के लिए रामबाण भी होते है। ये कई रंगों में मिलते हैं। जैसे सफेद,लाल, गुलाबी, बैंगनी आदि।
गुड़हल का फूल (Hibiscus) काफी लाभप्रद और पौष्टिक होता है क्योंकि इसमें कई पौष्टिक तत्व जैसे विटामिन सी, मिनरल और एंटीऑक्सीडेंट के गुण पाए जाते हैं। इसके साथ-साथ इसमें कैल्शियम, वसा फाइवर आयरन की भरपूर मात्रा पाई जाती है। जो आपके स्वास्थ्य के लिए काफी उपयोगी होते हैं और साथ ही में
बालों की समस्या से भी असानी से निजात पा सकते हैं।
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गुड़हल की कुछ प्रजातियों को उनके सुन्दर फूलों के लिये उगाया जाता है। नींबू, पुदीने आदि की तरह गुड़हल की चाय भी सेहत के लिए अच्छी मानी जाती है। गुड़हल की एक प्रजाति ‘कनाफ’ का प्रयोग कागज बनाने में किया जाता है।
एक अन्य प्रजाति ‘रोज़ैल’ का प्रयोग प्रमुख रूप से कैरिबियाई देशों मे सब्जी, चाय और जैम बनाने मे किया जाता है। गुड़हल के फूलों को देवी और गणेश जी की पूजा में अर्पित किया जाता है। गुड़हल के फूलों में, फफूंदनाशक, आर्तवजनक, त्वचा को मुलायम बनाने और गुण भी पाए जाते हैं। कुछ कीट प्रजातियों के लार्वा इसका प्रयोग भोजन के रूप में करते हैं।
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दक्षिण भारत के मूल निवासी गुड़हल के फूलों का इस्तेमाल बालों की देखभाल के लिए करते हैं। इसके फूलों और पत्तियों को पीस कर इसका लेप सर पर बाल झड़ने और रूसी की समस्या से निपटने के लिये लगाया जाता है।भारतीय पारंपरिक चिकित्सा पद्धति आयुर्वेद के अनुसार सफेद गुड़हल की जड़ों को पीस कर कई दवाएं बनाई जाती हैं। डायटिंग करने वाले या गुर्दे की समस्याओं से पीड़ित व्यक्ति अक्सर इसे बर्फ के साथ पर बिना चीनी मिलाए पीते हैं, क्योंकि इसमें प्राकृतिक मूत्रवर्धक गुण होते हैं। इस फूल में एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं जो कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित रखने में मददगार होते हैं।