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मेलों व समारोह में हो रही अनदेखी पर भड़के Himachali Artist
Last Updated on February 29, 2020 by Deepak
शिमला। हिमाचल की नाटी व संगीत संस्कृति ख़तरे में है। क्योंकि प्रदेश सरकार मेलों व समारोहों में हिमाचली कलाकारों (Himachali artists) की अनदेखी कर रही है। जबकि बाहरी राज्यों के कलाकारों को प्राथमिकता दी जा रही है। इससे हिमाचली कलाकारों का मनोबल गिर रहा है। हिमाचली कलाकारों ने शिमला में मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि हिमाचल में वर्ष में कई मेले आयोजित किए जाते हैं। मंडी की शिवरात्रि, सुजानपुर में होली, रामपुर में लवी मेला, चंबा में मिंजर मेला, कुल्लू में दशहरा, शिमला में समर फेस्टिवल, सोलन में शूलिनी मेला, सिरमौर में रेणुका मेला, हमीर उत्सव, सोमभद्रा महोत्सव आदि मनाए जाते है। इन मेलों में हिमाचल के कलाकारों की अनदेखी करके बाहर के कलाकारों को आमंत्रित कर उन पर पैसे लुटाए जाते है।
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हिमाचली कलाकारों का आरोप है कि मेलों में न तो हिमाचली कलाकरों को उचित मेहनताना दिया जा रहा है और न ही स्टेज पर 2 मिनट से ज़्यादा का समय दिया जाता है। हिमाचली कलाकारों के साथ अन्याय हो रहा है। बाहरी कलाकारों को लाखों दिए जा रहे है लाख जबकि हिमाचल के 100 कलाकारों पर नाममात्र राशि खर्च की जा रही है। जब अधिकारियों से बात की जाती है तो जबाब मिलता है कि नेताओं की सिफ़ारिश पर कलाकारों का चयन किया जाता है। सरकार हिमाचली कलाकारो के लिए अलग से नीति बनाएं। यदि प्रशासन का रवैया इसी तरह से बना रहता है तो आने वाले समय मे हिमाचली कलाकार इसके खिलाफ आन्दोल छेड़ेंगे। साथ ही ऐसे गाने बनाएंगे जिनमें सरकार का विरोध होगा।