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नई दिल्ली। राज्यसभा (RajyaSabha) से पास होने के बाद जम्मू कश्मीर आरक्षण संशोधन बिल और जम्मू कश्मीर पुनर्गठन बिल को लोकसभा (Loksasbha) से भी वोटिंग के बाद पास कर दिया गया। इसके पक्ष में 370 और विपक्ष में 70 वोट पड़े। इसके बाद इसके बाद सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित (adjourned indefinitely) कर दी गई है। इस मौके पर स्पीकर ओम बिड़ला (Om Birla) ने कहा कि 1952 से लेकर 17वीं लोकसभा का यह सत्र लोकसभा का सबसे स्वर्णिम सत्र रहा है। उन्होंने कहा कि 17वीं लोकसभा का पहला सत्र 17 जून से शुरू हुआ था जो आज खत्म हो रहा है, जिसमें कुल 37 बैठकें हुआ, जो करीब 280 घंटे तक चली। सत्र की पहली बैठक कुछ देर मौन रहकर शुरू हुई थी।
स्पीकर द्वारा बताया गया कि 17 और 18 जून को कुल 539 सदस्यों ने शपथ ली। 19 जून को लोकसभा अध्यक्ष के निर्वाचन का प्रस्ताव रखा गया और सभा को मुझे चुनने के लिए गर्व महसूस कर रहा हूं। स्पीकर ने कहा कि सभा ने 24 जून को राष्ट्रपति के अभिभाषण पर लाए गए धन्यवाद प्रस्ताव को 13 घंटे की चर्चा के बाद स्वीकार किया। साथ ही अहम विधायी कामों को निपटान हुआ, बजट पर 23 घंटे, रेलवे अनुदानों पर 13 घंटे, सड़क अनुदान मांगों पर 7 घंटे, ग्रामीण विकास अनुदानों पर 9 घंटे, युवा मामलों की मांगों पर 4 घंटे तक चर्चा चली। अन्य बकाया अनुदान मांगों को 17 जुलाई को रखा गया और स्वीकार किया गया। वर्तमान सत्र में कुल 36 विधेयक पारित हुए और संसद के अंदर 1992 से आजतक सबसे ज्यादा बिल आप सभी ने पारित किए हैं। लोकसभा स्पीकर ने कहा कि सदन ने करीब 70 घंटे देर तक बैठक चर्चा की साथ ही नए सांसदों को भी ज्यादा से ज्यादा प्रश्न पूछने का मौका मिला। लोकसभा में वंदे मातरम गाने के बाद सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई है।
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