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भगवान वेंकटेश्वर बाला का मंदिर समुद्र तल से 3200 फीट ऊंचाई पर स्थिम तिरुमला की पहाड़ियों स्थित है। कई शताब्दी पूर्व बना यह मंदिर दक्षिण भारतीय वास्तुकला और शिल्प कला का अद्वितीय उदाहरण हैं। वे इतनी दूर विराजमान हैं कि हर आदमी के लिए उनका दर्शन पाना असंभव है। संभवतः इस कमी को पुणे का प्रतिबालाजी मंदिर पूरी कर देता है।
पुणे शहर से 40-45 किलोमीटर दूर केतकावले में स्थित बाला जी का यह मंदिर आपकी आशाओं को धूमिल नहीं होने देता। सुदूर दिखती पश्चिमीघाट की पर्वत शृंखलाओं और चारों तरफ फैली हरियाली के बीच स्थित यह मंदिर अत्यंत सुंदर है । इसका शुभारंभ 2003 में हुआ एक तरह से यह तिरुपति बाला जी मंदिर की ही अनुकृति बनाई गई है। इसका वास्तु अत्यंत भव्य है । पत्थर और लकड़ी की नक्काशियों से सज्जित इस मंदिर की दीवारों पर बनाए गए चित्र मन मोह लेते हैं। गोपुरम्, शिखर और उन पर बनी आकृतियां सुनहरे रंग में हैं। मुख्य मंदिर के आस-पास और कई मंदिर हैं । मंदिर परिसर में प्रवेश करते ही एक अनोखी सी सकारात्मक ऊर्जा का एहसास होता है। पूरा स्थान पवित्रता से ओतप्रोत है।
गेट के पास ही बहता हुआ पानी आपके पांवों को खुद-ब-खुद धो देता है मुख्य मंदिर के अंदर भगवान वेंकटेश्वर विराजमान हैं भगवान वेंकटेश्वर की प्रतिमा हूबहू तिरुपति के बाला जी जैसी ही है। आश्चर्यजनक यह है कि उनका यहां भी वैसा ही आशीर्वाद है जैसा तिरुपति में प्राप्त होता है। कुछ भी सच्चे दिल से मांगिए आपकी कामना अवश्य पूरी होगी। इनके यहां प्रसादम् में मिलने वाला लड्डू अत्यंत स्वादिष्ट होता है इसका वजन ही करीब 400 ग्राम का होता है। मंदिर में निःशुल्क भोजन व्यवस्था भी है जहां बड़े साफ सुथरे ढंग से शाकाहारी भोजन का वितरण होता है। मंदिर परिसर में ही कार पार्किंग की पूरी व्यवस्था है पर अंदर नंगे पांव ही जाना पड़ता है इसलिए बेहतर यही है कि अपने जूते कार में ही छोड़ दें। यकीन रखें कि भगवान तिरुपति बालाजी का प्रभाव यहां केतकावले के मंदिर में भी हैऔर उसी तरह से आशाजनक परिणाम भी आपको प्राप्त होगा ।
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