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Mid Day Meal: शिमला। स्कूलों में चल रही मिड डे मील योजना को लेकर स्कूल प्रशासन गंभीर नहीं दिखाई दे रहा है। इसीलिए प्रदेश के 11 फीसदी स्कूलों में खाना पकाने के लिए एलपीजी सिलेंडर का इस्तेमाल नहीं हो रहा है। इसे लेकर सरकार गंभीर हो गई है। सरकार ने अब सभी स्कूलों में एलपीजी सिलेंडर उपलब्ध करवाने को कहा है और इस दिशा में एलीमेंटरी शिक्षा विभाग ने कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। एलीमेंटरी शिक्षा निदेशक ने सभी उपनिदेशकों ;एलीमेंटरी, और ब्लाक एलीमेंटरी शिक्षा अधिकारियों को आदेश दिए हैं कि मिड डे मील योजना के तहत उपलब्ध धन के ब्याज और अन्य मदों से स्कूल में एलपीजी के सिलेंडर उपलब्ध करवाए जाएं। निदेशक के मुताबिक एलपीजी खाना पकाने के लिए स्वच्छ और सुरक्षित माध्यम है। लिहाजा जो स्कूल बिना एलपीजी सिलेंडर के हैं, उनमें सिलेंडर की खरीद को जल्द से जल्द सुनिश्चित किया जाए।
राज्य में इस वक्त 15439 स्कूलों में मिड डे मील योजना चल रही है। इनमें से 13728 स्कूलों में दोपहर का खाना बनाने के लिए एलपीजी सिलेंडर इस्तेमाल किया जाता है और बाकी बचे 1711 स्कूलों में अभी भी खाना बनाने के लिए पारंपरिक साधनों से ही खाना बनाया जाता है। इसमें लकड़ी के चूल्हे और हीटर आदि शामिल हैं। यह कुल संख्या का 11 फीसदी है, जहां पर अभी तक एलपीजी सिलेंडर नहीं हैं। एलीमेंटरी शिक्षा विभाग के निदेशक मनमोहन शर्मा ने इन अफसरों को पत्र लिखकर कहा कि वे इस दिशा में जल्द कार्रवाई करें और इसकी जानकारी उन्हें उपलब्ध करवाई जाए। ऐसे में अब जल्द ही राज्य के सभी स्कूलों में एलपीजी सिलेंडर से मिड डे मील योजना के तहत दोपहर का खाना बन पाएगा।
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