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काशी विश्वनाथ मंदिर में 300 साल पुरानी परंपरा टूटी, महंत परिवार ने सड़क पर की सप्त ऋषि आरती
Last Updated on May 8, 2020 by
वाराणसी। उत्तर प्रदेश में वाराणसी काशी विश्वनाथ मंदिर (Kashi Vishwanath temple) के महंत परिवार के सदस्यों को सप्तर्षि आरती के लिए मंदिर में प्रवेश से रोके जाने से नाराज महंत परिवार के पुजारियों ने बीच सड़क पर ही सप्त ऋषि आरती कर दी। अर्चकों ने सड़क पर पार्थिव शिवलिंग बनाकर अर्चना भी की। महंत परिवार के सदस्यों का आरोप है कि कैलाश मंदिर का कुछ हिस्सा तोड़ने का विरोध करने के कारण उन्हें मंदिर में जाने से रोक दिया गया है, जबकि मंदिर प्रशासन का कहना है कि अर्चकों ने आरती से इंकार कर दिया है। इसके कारण मंदिर प्रबंधन ने मंदिर के नियमित अर्चकों से बाबा की सप्तर्षि आरती करवाई। काशी विश्वनाथ महंत परिवार (Mahant family) से जुड़े अर्चकों का दावा है कि 300 साल से बाबा के आरती में सम्मलित होते आ रहे हैं और आज ये परंपरा टूटी है।
बता दें कि काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर में ध्वस्तीकरण के दौरान एक प्राचीन मंदिर सामने आया है। बुधवार देर रात इस मंदिर के क्षतिग्रस्त होने की अफवाह के बाद से ही माहौल में तनाव है। महंत परिवार के सदस्यों का आरोप है कि गुरुवार की शाम को सप्तर्षि आरती की सामग्री के साथ विश्वनाथ मंदिर पहुंचे तो उन्हें ढुंढिराज द्वार पर सुरक्षा कर्मियों ने रोक दिया। रोकने का कारण पूछने पर बताया गया कि यह रोक एसपी ज्ञानवापी के आदेश पर लगी है। आरती के मुख्य अर्चकों ने एसपी ज्ञानवापी से बात की तो अर्चकों को ज्ञानवापी स्थित गेट नंबर चार पर बुलाया। सभी अर्चक ज्ञानवापी पहुंचे तो वहां से भी उन्हें अंदर नहीं जाने दिया गया। प्रतीक्षा करने के बाद जब कोई सक्षम अधिकारी उनका पक्ष सुनने के लिए नहीं पहुंचा तो सप्तर्षि आरती के अर्चकों ने सड़क पर ही आरती करने का निश्चय किया। अर्चकों ने एक पार्थिव शिवलिंग बनाया और उसे ज्ञानवापी द्वार के सामने सड़क पर ही रखकर सप्तर्षि आरती शुरू कर दी।