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धर्मशाला। भारत व श्रीलंका के बीच एचपीसीए स्टेडियम में खेले पहले वन-डे मैच में एमएस धोनी की बदौलत टीम इंडिया सौ का आंकड़ा पार करने में कामयाब रही। पर धोनी कपिल देव जैसा करिश्मा करने में सफल नहीं हो सके। जी हां हम बात कर रहे हैं 1983 वर्ल्ड कप की। 1983 वर्ल्ड कप में भी भारतीय टीम ने जिम्बाब्वे के खिलाफ खेलते हुए 17 रनों पर पांच विकेट गवा दिए थे। इसके बाद कपिल देव ने क्रीज पर बेहतरीन शॉट लगाते हुए नाबाद 175 रन बनाए और भारत को मैच में जीत दिलाई। इसी की बदौलत भारत 1983 का वर्ल्ड कप जीता।
एचपीसीए स्टेडियम में खेले आज के मैच में भी स्थिति कुछ ऐसी ही थी। भारत ने 16 रन पर अपने पांच विकेट गवा दिए थे। इसके बाद एमएस धोनी क्रीज पर आए और उन्होंने बल्ले से बेहतरीन शॉट लगाए। इसमें दो छक्के भी शामिल थे। पर धोनी 1983 वाला इतिहास नहीं दोहरा पाए और 66 रन बनाकर आउट हुए।
भारतीय टीम 112 रन पर ढेर हो गई। वहीं एचपीसीए स्टेडियम में यह अब तक का सबसे कम स्कोर था। इससे पहले 16 अक्तूबर 2016 को न्यूजीलैंड ने 43.5 ओवर में 190 रन बनाए थे। टीम इंडिया ने 33.1 ओवर में मैच जीत लिया था। एमएस धोनी की बात करें तो धोनी यहां पर एक और रिकॉर्ड बनाने से चूक गए। यह रिकॉर्ड है टीम के न्यूनतम स्कोर (आल आउट) स्कोर में अर्धशतक बनाने का। यह रिकॉर्ड अभी तक दक्षिण अफ्रीका के हर्शेल गिब्स के नाम पर है। गिब्स ने 2000 में शारजाह में टीम के 101 रन के स्कोर में नाबाद 59 रन (पाकिस्तान) बनाए थे।
आज की पारी के बाद धोनी इस मामले में दूसरे नंबर पर आ गए हैं। इसके अलावा टीम इंडिया ने एक और रिकॉर्ड अपने नाम किया है। वह रिकॉर्ड है पहले दस ओवर में सबसे कम रन बनाने का। टीम इंडिया ने दस ओवर में 11 रन बनाए। दूसरे नंबर पर न्यूजीलैंड व तीसरे नंबर पर बाग्लादेश है। भारतीय टीम ने घरेलू जमीन पर वन-डे में अपना तीसरा सबसे कम स्कोर बनाया है। भारत का घरेलू जमीन पर सबसे कम स्कोर श्रीलंका के खिलाफ ही है। उसने कानपुर में 1986 में श्रीलंका के खिलाफ खेले गए वनडे मैच में 76 रन बनाए थे। 1993 में भारतीय टीम ने वेस्टइंडीज के खिलाफ 100 रन बनाए थे।
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