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Kullu में महिला से 25 लाख ठगी मामले का मुख्य सरगना भी Arrest
Last Updated on March 19, 2020 by Deepak
कुल्लू। पुलिस ने फेसबुक पर महिला से 25 लाख की ठगी मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार (Arrest) करने बाद मुख्य सरगना को भी धर लिया है। आरोपी की पहचान ऋषि कुमार जायसवाल (38) पुत्र स्वर्गीय हरि शंकर जायसवाल गांव व डाकघर अहीरोली थाना व तहसील कसिया जिला कुशीनगर उत्तर प्रदेश के रूप हुई है। इससे पहले रवि प्रकाश निवासी गोरखपुर और विकास शर्मा गोरखपुर को गिरफ्तार किया था। आरोपियों को गोरखपुर से गिरफ्तार किया गया है।
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एसपी कुल्लू (Kullu) गौरव सिंह ने बताया पुलिस (Police) की विशेष टीम ने गिरफ्तार आरोपियों से 5 अलग-अलग कंपनी के मोबाइल, 12 सिम कार्ड, 14 एटीएम कार्ड और पेटीएम कार्ड बरामद किया है। बरामद एटीएम (ATM) कार्ड में एसबीआई (SBI) के तीन, इंडस बैंक के दो, बैंक ऑफ बड़ौदा का एक, बैंक ऑफ इंडिया का एक, एचडीएफसी का एक, बंधन बैंक के दो, फिनो बैंक का एक, एक्सिस बैंक का एक, ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स का एक कार्ड शामिल है। वहीं, बंधन बैंक की तीन, इंडस लैंड बैंक की दो, एक्सिस बैंक की दो, भारतीय स्टेट बैंक की एक, केनरा बैंक की दो, एचडीएफसी बैंक की एक, ओरिएंटल बैंक की एक आदि की 13 चेक बुक भी बरामद की गई है।
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की एक, ओरिएंटल बैंक की एक, बैंक ऑफ इंडिया की एक, बैंक ऑफ बड़ौदा की एक व बंधन बैंक की एक पासबुक भी आरोपी से बरामद की है। इसके अलावा जी जे कंस्ट्रक्शन और पार्षद रेनू बाला की दो अलग-अलग रबड़ स्टैंप, एक जमीन की रजिस्ट्री और एक डायरी भी बरामद की है। तीनों आरोपी नेपाल और नेपाल बॉर्डर के लोगों का गोरखपुर में जाली प्रमाण पत्र पार्षद रेणु बाला के लेटर पैड पर जाली मोहर लगाकर चरित्र प्रमाण पत्र तैयार करते थे और उस प्रमाण पत्र से इन नेपाली व्यक्तियों के भारत में जाली आधार कार्ड तैयार करते थे। पुलिस तफ्तीश में जो भी नाम पते आधार कार्ड पर दिए जाते थे, वह सब झूठे पाए गए।
उन्हीं आधार कार्ड पर यह नए सिम कार्ड निकालते थे तथा इन व्यक्तियों के अलग-अलग बैंकों में अलग-अलग खाते खुलवा कर इन मोबाइल नंबरों को देते थे। सभी खोले गए खातों की पासबुक चेक बुक एटीएम कार्ड और मोबाइल नंबरों को अपने पास ही रखते थे। इसके बाद दूसरा आरोपी विकास शर्मा इन सभी चेक बुक, पासबुक, एटीएम कार्ड और मोबाइल नंबर को पिन जनरेट करने के बाद तीसरे आरोपी (ऋषि कुमार जायसवाल) को दे देता था।
खोले गए खातों को यह लोग साइबर फ्राड के लिए इस्तेमाल करते थे। आरोपी एक खाता खोलने के बदले में पांच से 10000 खाताधारक व्यक्तियों को दे देते थे। आरोपी नेपाली व्यक्तियों को इसलिए इस्तेमाल करते थे, ताकि वह पुलिस की पकड़ से दूर रहें और जाली नाम पते पर पुलिस पहुंच ना सके।
तीनों आरोपियों को गोरखपुर उतर प्रदेश में गिरफ्तार किया गया, जिन्हें मननीय अदालत से ट्रांजिट रिमांड हासिल करके कुल्लू लाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि पुलिस रिमांड में आरोपियों से गहनता से जांच पड़ताल की जाएगी।