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28 दिन में India भेजा जा सकता है भगोड़ा विजय माल्या; ब्रिटिश SC ने खारिज की याचिका
Last Updated on May 14, 2020 by
लंदन। यूनाइटेड किंगडम की सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने गुरुवार को भारत (India) में प्रत्यर्पण के खिलाफ भगोड़े उद्योगपति विजय माल्या (Vijay Mallya) की याचिका खारिज कर दी। अब 28 दिन में माल्या का प्रत्यर्पण भारत में हो सकता है। गौरतलब है, माल्या अपने सभी कानूनी विकल्पों का इस्तेमाल कर चुका है, माल्या के पास कोई कानूनी रास्ता नहीं बचा है। अब यूके की गृह मंत्री प्रीति पटेल इस पर अंतिम फैसला करेंगी। हालांकि कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि मामला अगर यूरोपियन कोर्ट ऑफ ह्यूमन राइट्स (ECHR) में जाता है तो प्रत्यर्पण लटक सकता है।
लंदन हाईकोर्ट ने कहा था- उसे भारत में प्रत्यर्पित किया जाना चाहिए
अगर वह इसे इस्तेमाल नहीं करता है तो उसे जल्द ही भारत लाया जा सकता है। वहीं अब ब्रिटेन के गृह सचिव को माल्या के प्रत्यर्पण के पेपर पर 28 दिन में हस्ताक्षर करना होगा। इसके बाद ब्रिटेन का गृह मंत्रालय भारत के अफसरों के साथ माल्या के प्रत्यर्पण के बारे में समन्वय करेगा। इससे पहले लंदन हाईकोर्ट के फैसले से पिछले महीने ही विजय माल्या को भारत भेजे जाने का रास्ता साफ हो गया था। हालांकि हाईकोर्ट के फैसले के बाद माल्या ने कहा था, ‘मैं स्वाभाविक रूप से इस फैसले से निराश हूं। मैं अपने वकील की सलाह पर आगे भी कानूनी प्रकिया जारी रखूंगा।’ लंदन हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि माल्या ने भारतीय बैंकों को धोखा दिया और उसे भारत में प्रत्यर्पित किया जाना चाहिए।
Congratulations to the Government for a Covid 19 relief package. They can print as much currency as they want BUT should a small contributor like me who offers 100% payback of State owned Bank loans be constantly ignored ? Please take my money unconditionally and close.
— Vijay Mallya (@TheVijayMallya) May 14, 2020
पैसे ले लो और केस बंद कर दो
बता दें कि कारोबारी माल्या पर करीब 9,000 करोड़ रुपए की बैंक धोखाधड़ी का आरोप है। माल्या को भारत में भगोड़ा भी घोषित किया जा चुका है। उनको भारत की एजेंसियां काफी समय से तलाश कर रही हैं। वह काफी समय में लंदन में है। माल्या ने गुरुवार को एक ट्वीट में कहा था कि सरकार को कोविड-19 के राहत पैकेज के लिए बधाई। वे जितनी चाहें उतनी नकदी छाप सकते हैं, लेकिन क्या उन्हें मेरे जैसे एक छोटे सहयोगकर्ता की अनदेखी करनी चाहिए, जो सरकारी बैंकों का सारा बकाया पैसा वापस लौटाना चाहता है। माल्या ने कहा कि सरकार उसके पैसे को बिना शर्त ले ले और मामले को बंद कर दे।