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देवभोग। कई बार हालात इंसान को इतना मजबूर बना देते हैं कि उसे सही गलत का भी कोई ख्याल नहीं रहता और वह ऐसा कदम उठा लेते हैं जिसकी कोई कल्पना नहीं कर सकता। छत्तीसगढ़ के देवभोग में ऐसा ही एक दिल दहला देने वाल हादसा पेश आया है। यहां एक मजबूर बाप ने घर की परेशानियों से दुखी होकर पहले अपनी दोनों बेटियों की जान ले ली और बाद में खुदकुशी कर ली।
जानकारी के अनुसार देवभोग के टेमरा गांव में पेशे से टीचर सुधीर पात्र के पिता त्र्यंबक 5 साल से कैंसर से जूझ रहे थे। उनका मुंबई में उनका इलाज चल रहा था। घर की जमा-पूंजी इलाज में चली गई। सुधीर ही अकेला कमाने वाला था, कुल 18 हजार की सैलरी में घर चल रहा था। इलाज के लिए उसने ग्रामीण बैंक से 3.5 लाख लोन लिया था जिसमें से अभी 2.5 लाख चुकाना था। घर की स्थिति से परेशान होकर शनिवार की रात सुधीर ने पहले अपनी ढाई साल की बेटी का गला दबाकर उसकी जान ले ली फिर महज 2 महीने की दुधमुंही बेटी को गोद में लेकर पेट्रोल डालकर खुद को आग के हवाले कर लिया।
सुधीर ने पत्नी कविता को कमरे में बंद कर दिया था। रात को जब कविता के चिल्लाने की आवाज ससुर ने सुनी तो दरवाजा खोला। कमरे में आग देख दोनों ने सुधीर और बच्ची को बचाने को काफी कोशिश की लेकिन बचा न सके। कविता ने बताया कि उनकी छोटी बेटी का नामकरण संस्कार रविवार को रखा गया था। एक हफ्ते पहले सुधीर बोतल में पेट्रोल लेकर आया था। कमरे के एक कोने में तेल की बोतल देख उसने इसे लाने की वजह पूछी तो सुधीर ने बात टाल दी। पुलिस ने मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है।
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