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लुधियाना। पंजाब में खाकी वर्दी एक बार फिर दागदार हुई है। यहां एक कैदी जेल के अंदर से ही नशे का कारोबार (Intoxicating business) चला रहा था और उसका साथ दे रहे थे दो कांस्टेबल। आरोपी की पत्नी उन दोनों को हेरोइन लाकर देती थी और आरोपी उनको पता बताया था जहां माल पहुंचाना होता था। एसटीएफ की टीम ने महिला तस्कर अंजू भारती के साथ मिलकर कांस्टेबल गुरप्रीत सिंह और धरमिंदर सिंह को गिरफ्तार (Arrest) कर लिया है। आरोपियों के कब्जे से 12 ग्राम हेरोइन, 10 ग्राम चरस और एक एक्टिवा बरामद हुई है।
पुलिस पूछताछ के दौरान आरोपी कांस्टेबल गुरप्रीत ने बताया कि वो सेंट्रल जेल में सिक्योरिटी गार्ड के पद पर था, लेकिन अब वो पुलिस लाइन (police line) में शिफ्ट हो गया, जबकि धरमिंदर पहले से ही पुलिस लाइन में तैनात था। जेल की ड्यूटी के दौरान आरोपी गुरप्रीत जेल में हत्या के मामले में बंद बब्बू भारती के संपर्क में आया जिसने उसे कहा कि वो उसके लिए नशे की सप्लाई करेगा तो उसे अच्छे पैसे मिलेंगे। इसके बाद गुरप्रीत के मन में लालच आ गया और उसने अपने साथी धरमिंदर को भी साथ मिला लिया। जेल के अंदर से फोन पर बब्बू दोनों मुलाजिमों से बात करने लगा और अपनी पत्नी अंजू को उनका नंबर दे दिया। पत्नी नशा लाकर दोनों मुलाजिमों को दे देती थी फिर बब्बू दोनों को नशा पहुंचाने की जगह बताता था। आरोपियों को हर चक्कर के 8 से 10 हजार रुपए मिलते थे।
जेल में बंद आरोपी और इन तीनों आरोपियों की मोबाइल लोकेशन और कॉलिंग (Mobile location and calling) को ट्रेस करने के बाद पता चला है कि आरोपियों में दिन में चार से पांच अलग-अलग बार बातें होती रहती थी। दोनों मुलाजिमों व महिला के मोबाइल फोन को पुलिस ने जांच के लिए मोहाली लैब में भेजा है। दोनों कांस्टेबल को नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया है। तीनों को अदालत में पेश कर पुलिस ने रिमांड पर लिया है।
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