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वी कुमार/मंडी। मंडी जिला प्रशासन ने गत वर्ष देव ध्वनि के नाम से जिस कार्यक्रम का आयोजित किया था, वह लिमका बुक ऑफ रिकॉडर्स में दर्ज हो गया है। इस बात की जानकारी डीसी मंडी संदीप कदम ने दी। ज्ञात रहे कि वर्ष 2016 में अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव के दौरान मंडी जिला प्रशासन ने देव ध्वनि के नाम से एक कार्यक्रम का आयोजन किया था, जिसमें एक साथ 1806 बजंतरियों ने भाग लेकर पारंपरिक वाद्य यंत्र बजाए थे। यह पहला मौका था जब एक साथ इतनी बड़ी संख्या में देव वाद्य यंत्रों को बजाया गया था। मंडी के ऐतिहासिक पड्डल मैदान में इसका आयोजन हुआ था और हजारों की संख्या में लोगों ने इस अदभुत नजारे को देखा था। लिमका बुक ऑफ रिकॉडर्स ने मंडी जिला प्रशासन के इस कार्यक्रम को एक नया रिकॉर्ड मानते हुए इसे लिमका बुक ऑफ रिकॉडर्स में दर्ज कर दिया है। इसकी जानकारी जिला प्रशासन को ईमेल के माध्यम से प्राप्त हो गई है और सर्टिफिकेट भी ईमेल के माध्यम से प्राप्त हो गया है, जबकि ऑरिजिनल कॉपी जल्द ही प्रशासन के पास पहुंचने वाली है।
डीसी मंडी संदीप कदम ने इसके लिए सभी बजंतरियों, देवता समिति एवं कारदार संघ और जिला के सभी लोगों को बधाई दी है। उन्होंने कहा कि देवी देवताओं के आशीर्वाद से और लोगों के सहयोग से ही यह संभव हो पाया है। उन्होंने बताया कि देव ध्वनि के माध्यम से जहां देवी देवताओं के वाद्य यंत्र बजाने वाले बजंतरियों को मान सम्मान मिला, वहीं इससे जिला का गौरव भी बढ़ा है।
वहीं जिला प्रशासन ने अपने की रिकार्ड को तोड़ने के लिए फिर से आवेदन कर दिया है। इस बार जिला प्रशासन एक साथ दो हजार बजंतरियों के साथ यह कार्यक्रम करवाने की सोच रहा है। डीसी मंडी संदीप कदम ने बताया कि इसकी तैयारियां की जा रही हैं और 26 फरवरी को मंडी के ही ऐतिहासिक पड्डल मैदान में फिर से देव ध्वनि का आयोजन किया जाएगा।
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