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रत्न सदियों से लोगों की पसंद रहे हैं और जब उनसे चमत्कारी प्रभाव मिलने लगे तो वे जरूरी भी हो जाते हैं। माणिक्य और नीलम तो परिचित रत्न हैं पर इनमें नक्षत्र माणिक्य और नक्षत्र नीलम कुछ अलग ही विशेषता रखते हैं।
नक्षत्र माणिक्य : वैसे भी माणिक्य रत्न को पहनने से गजब का आत्मविश्वास विकसित होता है। परंतु नक्षत्र माणिक्य अद्भुत है इसका मिलना असंभव तो नहीं, पर इसका मूल्य बहुत होता है। हाथ में लेकर देखें तो जरा सा हिलने पर ही इसके धरातल पर एक 6 किरणों वाला खूबसूरत सितारा बनता है । इसकी रेशमी चमक मुग्ध कर देने वाली होती है। जिन लोगों को ऐसा लगता है कि कोई उनकी नहीं सुनता उन्हें अगर यह प्राप्त हो जाए, तो उनको इस रत्न का इस्तेमाल करना चाहिए। अगर यह नहीं मिलता तो भी सामान्य माणिक्य भी पूरा प्रभाव देता है। सूर्य आत्मा का कारक है और इस रत्न को पहनने से आपके बारे में लोगों की राय बदल जाती है। अगर आप जिंदगी को लेकर किसी तरह के पशोपेश में हैं तो आपके लिए माणिक रत्न शुभ हो सकता है। जिंदगी के लक्ष्य निर्धारित करने में दिक्कत आ रही है तो यह रत्न आपके जीवन को नियमित करता है। माणिक रत्न की गर्माहट और ताकत से इसे धारण करने वाले के आसपास सकारात्मक एनर्जी मौजूद रहती है। इसके चलते पर्सनैलिटी में भी बदलाव साफतौर पर दिखने लगता है। इसे रॉयल्टी, अथॉरिटी और लग्जरी का प्रतीक कहा जाता है। इस रत्न को धारण करने वाले जिंदगी में एक सम्मानजनक मुकाम हासिल करते हैं। उनकी जीवनशैली लग्जीरियस हो जाती है।क्रिएटिव फील्ड से जुड़े लोगों को इस रत्न को खासतौर पर धाराण करना चाहिए क्योंकि इसको पहनने से रचनात्मक शैली पहले से बेहतर होती जाती है। इसकी मदद से आप अपने कार्यक्षेत्र में अच्छा परफॉर्म कर सकते हैं पर हां पहनने से पहले किसी रत्नविज्ञानी ज्योतिषी से परामर्श लेना न भूलें।
नक्षत्र नीलम : अपनी आकर्षक चमक और गहन नीलवर्णीय आभा के कारण नीलम को रत्न संसार में अत्यधिक महत्व प्राप्त है। यह मूल्यवान होता है और शनिदेव का प्रतिनिधि रत्न माना जाता है। माणिक्य की तरह इसका भी नक्षत्र रूप में मिलना मुश्किल ही होता है। किसी को भी इसका प्राप्त हो जाना सौभाग्य के द्वार खोल देता है। नीलम का प्रभाव बहुत से तेजी से होता है। यह लगभग 24 घंटे में ही असर दिखाना शुरू कर देता है। नीलम की इन्हीं शक्तियों के कारण कहा जाता है कि नीलम धारण करने से पहले इसकी जांच जरूर कर लें कि, यह आपके लिए भाग्यशाली है या नहीं। इसके लिए सामान्य सी विधि यह है कि नीलम को तकिये के नीचे रखें। सोते समय बुरे सपने नहीं आएं, स्वास्थ्य सामान्य रहे और चेहरे में कोई बदलाव नहीं हो तब नीलम को पंचधातु अथवा सोने की अंगूठी में जड़वाकर धारण करें। अगर इनमें से कोई भी परेशानी आती है तब नीलम पहनने की भूल नहीं करनी चाहिए। बेहतरीन नीलम जम्मू और कश्मीर की खानों में पाया जाता है जो आज के दौर में लगभग मिलना नामुमकिन है और यदि मिल भी जाये तो उसकी कीमत अदा करना हर किसी के बस की बात नहीं है! श्री लंका का नीलम भी बेहतरीन होता है पर नक्षत्र नीलम मिलना कठिन ही है। पर अगर मिल जाता है तो इसे अपना सौभाग्य समझें।
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