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विश्व की नंबर दो #Boxer बनी हरियाणा की Manju, पेड़ से पंचिंग बैग बांध करती हैं Practice
Last Updated on November 25, 2020 by Sintu Kumar
रोहतक। हमारे देश में ऐसे कई खिलाड़ी हैं जो छोट गांव से संबंध रखते हैं और मुश्किलों से जूझ कर दुनिया भर में नाम रोशन करते हैं। इनमें से एक हैं हरियाणा (Haryana) की महिला बॉक्सर मंजू रानी। 20 साल की मंजू रानी ने गरीबी और अभावों के बावजूद हिम्मत नहीं हारी और आज विश्व की नंबर दो महिला बॉक्सर हैं। सुविधाओं के अभाव से भी वह कभी विचलित नहीं हुईं। रिठाल फौगाट गांव की रहने वाली मंजू घर के बाहर नीम के पेड़ में पंचिंग बैग बांधकर प्रैक्टिस (Practice) करती हैं और ओलंपिक उनका मुख्य टारगेट है।
बॉक्सर मंजू रानी (Boxer manju rani) ने कभी गरीबी को अपने मुक्केबाजी पर हावी नहीं होने दिया और आज दिन-रात अभ्यास कर ओलंपिक के अपने टारगेट पर फोकस किए हुए हैं। मंजू रानी आज भी पूरी तन्मयता से उसी नीम के पेड़ पर बांधे पंचिंग बैग पर प्रैक्टिस करती हैं जहां वह शुरुआती दौर में अभ्यास करती थीं। मंजू को गांव से 22 किलोमीटर दूर रोहतक शहर में प्रैक्टिस के लिए जाना पड़ता है। मंजू ने अब तक प्रदेश व नेशनल स्तर पर भी अनेक बार नाम रोशन किया है। पिछले साल वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल जीतने वाली मंजू रानी अब ओलंपिक 2024 में गोल्ड मेडल हासिल करने के लिए पसीना बहा रही हैं।
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48 किलोग्राम वेट कैटेगरी में दुनिया की दूसरे नंबर की बॉक्सर मंजू रानी के प्रारंभिक कोच साहब सिंह ने बताया कि यह उनके करियर की अब तक की बेस्ट रैंकिंग है। स्थानीय स्तर पर मिलने वाली बॉक्सिंग रिंग आदि सरकारी संसाधनों की जरूरत है, ताकि वहां मंजू के साथ अभ्यास कर अन्य खिलाड़ी भी प्रदेश व जिले का नाम रोशन कर सकें। मंजू का कहना है कि वह 51 किलोग्राम में ओलंपिक में देश का प्रतिनिधित्व करना चाहती हैं। मंजू रानी सीनियर नेशनल चैंपियनशिप में पंजाब से खेली थी, जिसमें उसने शानदार प्रदर्शन करते हुए गोल्ड मेडल जीता।