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मनोज मुंतशिर के बोल- मैंने जानबूझकर लिखे ‘आदिपुरुष’ के ऐसे डायलॉग्स
मुंबई। प्रभास के लीड रोल वाली फिल्म ‘आदिपुरुष‘ (Adipurush) शुक्रवार को रिलीज होने के बाद से विवादों में है। मगर फिल्म के फूहड़ डायलॉग्स (Dialogues) ने लोगों को नाराज किया है। हालत यह है कि अब यह मामला कोर्ट की चौखट तक पहुंच गया है। डायलॉग्स की जमकर आलोचना हो रही है और सोशल मीडिया (Social Media) पर लोग फिल्म के डायलॉग राइटर मनोज मुंतशिर (Manoj Muntashir) को ट्रोल भी करते नजर आए। लेकिन मनोज का कहना है कि उन्होंने ‘आदिपुरुष’ के डायलॉग्स जानबूझकर इसी तरह के लिखे थे, ताकि उन्हें आज के युवाओं से कनेक्ट किया जा सके।
मनोज मुंतशिर ने एक टीवी इंटरव्यू में कहा कि रामायण पर बेस्ड फिल्म के लिए ये डायलॉग गलती से इस तरह नहीं लिखे गए, इन्हें जानबूझकर ऐसा रखा गया है। उन्होंने कहा कि सिर्फ हनुमान जी के डायलॉग पर बात क्यों हो रही है। लोगों को भगवान श्रीराम (Lord Rama) के संवादों पर भी बात करनी चाहिए। मनोज ने राम चरितमानस लिखने वाले कवि तुलसीदास का जिक्र करते हुए आगे कहा, ‘बाबा तुलसीदास कहते हैं- नाना भांति राम अवतारा, रामायण शत कोटि अपारा। राम के अवतार के अनेकों-अनेक पहलू हैं और सैकड़ों तरीके से रामायण सुनाई जा सकती है।’
यूथ से कनेक्ट करना था
‘आदिपुरुष’ में बजरंगबली (Bajrangbali) के किरदार के एक डायलॉग पर बहुत लोगों ने आपत्ति जताई है। पूंछ में आग लगाए जाने पर ये किरदार कहता है- ‘तेल तेरे बाप का, आग भी तेरे बाप की और जलेगी भी तेरे बाप की।’ मनोज का कहना है कि हर रामायण (Ramayana) सुनाने वाले का मिशन होता है, उसे लोगों तक पहुंचाना, समसामयिक भाषा में बात करना। रामायण की कथा का पहला मकसद है उसे लोगों तक, दूर-दूर तक पहुंचाना।’ यूथ जिस भाषा को नहीं समझता उसका सम्मान तो कर सकता है, लेकिन उससे कनेक्ट नहीं कर सकता। इसलिए उन्होंने डायलॉग एक ऐसी भाषा में लिखे, जो आजकल के युवाओं की भाषा है। मनोज ने कहा कि हमारा पहला मकसद उन 10-12 साल के बच्चों से कनेक्ट करना था जिन्हें राम के बारे में कुछ नहीं पता होता।’
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कोर्ट में पहुंचा मामला
‘आदिपुरुष’ के डायलॉग्स पर विवाद इस कदर बढ़ चुका है कि फिल्म पर विवाद होने लगा है। ‘हिंदू सेना’ नाम के एक संगठन ने ‘आदिपुरुष’ के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi Highcourt) में पीआईएल भी डाली है। संगठन ने अपनी याचिका में दावा किया है कि ‘आदिपुरुष’ भगवान राम, रामायण और हमारी संस्कृति का मजाक बनाती है।