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खास है हिमाचल का ये मंदिर, यहां भगवान श्री कृष्ण की अद्भुत मूर्ति में छिपे हैं कई राज
Last Updated on March 4, 2020 by
हमीरपुर। आपने भगवान श्रीकृष्ण के मंदिरों में बांसुरी सीधी दिशा में ही देखी होगी, लेकिन हिमाचल प्रदेश के सुजानपुर टीहरा में एक ऐसा श्रीकृष्ण का मंदिर है जहां श्रीकृष्ण की मूर्ति पर बांसुरी विपरीत दिशा में लगाई गई है। ऐसा क्यों है इसके पीछे का रहस्य कोई नहीं जानता, लेकिन इसकी एक कहानी जरूर है। इस मंदिर को मुरली मनोहर मंदिर के नाम से जाना जाता है। कटोच वंशज के राजा संसार चंद के जमाने से स्थापित मुरली मनोहर मंदिर आज भी आस्था का केन्द्र बना हुआ है। इसी मंदिर में कटोच वंश से ही होली मेले का आगाज श्रीकृष्ण और राधा रानी को गुलाल लगाकर किया जाता था और महाराजा संसार चंद के साथ रानियां ऐतिहासिक चैगान में होली खेलती थीं और आज भी करीब चार सौ साल से चली आ रही परपंरा को निभाया जाता है और मंदिर से ही विधिवत पूजा-अर्चना करके ही राष्ट्र स्तरीय होली का शुभारंभ प्रदेश के सीएम द्वारा किया जाता है।
मुरली मनोहर मंदिर में मौजूद भगवान श्रीकृष्ण विपरीत दिशा में बांसुरी बजाती मूर्ति के पीछे महाराजा संसार चंद के समय से कथा जुड़ी हुई है। कहा जाता है कि जिस समय मुरली मनोहर मंदिर के अंदर श्रीकृष्ण की मूर्ति की स्थापना की जा रही थी तो महाराजा संसार चंद ने पुजारियों से कृष्ण की मूर्ति की ही स्थापना करने पर सवालिया निशान खड़े किए और कहा कि अगर सुबह तक मुझे जबाव नहीं मिला तो सभी पुजारियों सिर काट दिए जाएंगे। इस पर पुजारी रात भर चिंता में रहे, लेकिन जब सुबह मंदिर के अंदर गए तो देखा कि भगवान श्रीकृष्ण की बांसुरी दूसरी दिशा में घूम गई थी। पुजारियों ने महाराज को बताया कि शाम के समय बांसुरी की दिशा सीधी थी लेकिन अब यह दिशा विपरीत हो गई है जिससे यहां साक्षात भगवान श्रीकृष्ण के मौजूद होने का सबूत मिलता है।
कटोच वंश के राजाओं के कुल पुरोहित रवि अवस्थी ने बताया कि मुरली मनोहर मंदिर सुजानपुर में तीन मूर्तियां की स्थापित हुई हैं। मुख्य मूर्ति भगवान श्रीकृष्ण की है जिसकी बांसुरी विपरीत दिशा में है। ये पूरे ब्रह्मांड में अकेले सुजानपुर में ही ऐसा मंदिर है। उन्होंने बताया कि इस मंदिर का निर्माण महाराजा संसार चंद के समय में करवाया गया था और उस समय से ही भगवान श्रीकृष्ण की पूजा-अर्चना सच्चे मन से करने पर हर मुराद पूरी होती है। स्थानीय निवासी राजन मेहता ने बताया कि मुरली मनोहर मंदिर एक लख टकिया के नाम से भी जाना जाता क्योंकि इसका निर्माण महाराजा संसार चंद के समय में एक लाख रुपए से करवाया गया था। उन्होंने बताया कि मंदिर के अंदर बेहतरीन नक्काशी की गई है और मंदिर की सजावट इस तरीके से हुई है कि भक्तजन आकर भक्तिमय हो जाते हैं।