-
Advertisement
आज से बदल गया बहुत कुछ : TV-Fridge हुए महंगे, वाहनों के दाम भी बढ़े
Last Updated on January 1, 2021 by
नई दिल्ली। कोरोना महामारी ने पूरी दुनिया में बहुत कुछ बदलकर रख दिया है। कोरोन का असर हमारे जीवन के साथ-साथ अर्थव्यवस्था (Economy) पर भी बहुत बुरा पड़ा है। अब नए साल में काफी कुछ बदलाव हो गए हैं जिसकी वजह से सबसे बड़ा झटका जो आम आदमी को लगा है वो है महंगाई का। आम आदमी के इस्तेमाल में आने वाली कई चीजें आज से महंगी हो गई हैं। एलईडी टीवी, रेफ्रिजरेटर, वॉशिंग मशीन जैसे अन्य घरेलू सामानों की कीमत भी बढ़ गई है। तांबा, एल्युमिनियम और इस्पात जैसे कच्चे माल की लागत बढ़ने और पेट्रोल-डीजल की कीमतें बढ़ने से माल ढुलाई महंगा हो गया है। इस वजह से कीमतें बढ़ गई हैं। नए साल के पहले दिन से बैंकिंग से लेकर बीमा से जुड़े नियमों में भी कई बदलाव (Changes) हुए हैं। इन बदलावों के बारे में हम आपको विस्तार से बताते हैं ..
यह भी पढ़ें :- देखिए, इस शख्स ने जुगाड़ से किया कमाल, जिसने देखा वो बोला क्या बात !
चारपहिया वाहनों के लिए फास्टैग जरूरी – देश में एक जनवरी से सभी चारपहिया वाहनों के लिए फास्टैग जरूरी होगा। यह नए वाहनों के साथ एक दिसंबर, 2017 से पहले बेचे गए वाहनों के लिए भी जरूरी होगा। वाहन के फिटनेस सर्टिफिकेट के रिन्युअल कराने और नया थर्ड पार्टी बीमा लेने के लिए भी फास्टैग जरूरी होगा। नए नियम के बाद फास्टैग खाते में कम-से-कम 150 रुपए रखने होंगे।
बढ़ जाएंगे वाहनों के दाम – नए साल के पहले दिन से कारें खरीदना महंगा हो जाएगा। दरअसल, वाहन कंपनियां एक जनवरी से अपने कई मॉडल के दाम पांच फीसदी तक बढ़ाने जा रही हैं। जो कंपनियां कीमतें बढ़ा रही है, उनमें मारुति सुजुकी इंडिया, टाटा मोटर्स, निसान, रेनॉ इंडिया, होंडा कार्स, महिंद्रा एंड महिंद्रा, इसूजू, ऑडी इंडिया, फॉक्सवैगन, फोर्ड इंडिया और बीएमडब्लयू इंडिया शामिल हैं। इसके अलावा, दोपहिया वाहन कंपनियों की भी कीमतें बढ़ाने की योजना है।
चेक से भुगतान का नियम बदलेगा – एक जनवरी से चेक के जरिए भुगतान के नियम भी बदल रहे हैं। इसके तहत 50,000 रुपए से ज्यादा भुगतान वाले चेक के लिए ‘पॉजिटिव पे’ सिस्टम लागू होगा। पॉजिटिव पे सिस्टम के तहत कोई भी जब 50,000 रुपए से ज्यादा का चेक जारी करेगा, उसे अपने बैंक को पूरी डिटेल देनी होगी। इसमें चेक जारी करने वाले को एसएमएस, इंटरनेट बैंकिंग, एटीएम या मोबाइल बैंकिंग के जरिए इलेक्ट्रॉनिक तरीके से चेक की तारीख, बेनेफिशियरी का नाम, खाता नंबर, कुल राशि और अन्य जरूरी जानकारी बैंक को देनी होगी। हालांकि, यह खाताधारक पर निर्भर करेगा कि वह इस सुविधा का लाभ उठाता है या नहीं।
कॉन्टैक्टलेस कार्ड से भुगतान की सीमा बढ़ी – आरबीआई डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए कॉन्टैक्टलेस कार्ड के जरिए भुगतान की सीमा बढ़ाकर 5,000 रुपए करने जा रहा है। अभी यह सीमा 2,000 रुपए ही है। बढ़ी हुई सीमा एक जनवरी, 2021 से लागू होगी।
यूपीआई भुगतान पर अतिरिक्त शुल्क – अमेजन-पे, गूगल-पे और फोन-पे से भुगतान करने पर अतिरिक्त शुल्क देना पड़ सकता है। एनपीसीआई ने एक जनवरी से थर्ड पार्टी एप प्रोवाइडर्स की ओर से चलाई जाने वाली यूपीआई भुगतान सेवा पर अतिरिक्त शुल्क लगाने का फैसला किया है। एनपीसीआई ने नए साल पर थर्ड पार्टी एप पर 30 फीसदी की ऊपरी सीमा लगा दी है। 30 फीसदी की सीमा की गणना पिछले तीन महीने के दौरान यूपीआई में प्रॉसेस्ड भुगतान की कुल संख्या के आधार पर होगी। पेटीएम इस दायरे में नहीं है।
कम प्रीमियम पर टर्म प्लान खरीदने का मौका – इरडा के निर्देश पर सभी बीमा कंपनियां एक जनवरी, 2021 से ‘सरल जीवन बीमा पॉलिसी’ पेश करने जा रही हैं। इसमें कम प्रीमियम पर टर्म प्लान खरीदने का मौका मिलेगा। इस पॉलिसी के लिए सभी बीमा कंपनियों की नियम एवं शर्तें एक समान होंगी। स्टैंडर्ड उत्पाद होने से से ग्राहकों को पहले से दी गई जानकारियों के आधार पर निर्णय लेने में आसानी होगी। इससे बीमा कराने वाले और बीमा करने वाली कंपनी के बीच भरोसा बढ़ेगा, जिससे क्लेम के वक्त विवाद की आशंका कम हो जाएगी। इसमें न्यूनतम पांच लाख और अधिकतम 25 लाख रुपए का सम-एश्योर्ड मिलेगा।
म्यूचुअल फंड निवेश के नियम भी बदलेंगे – नए साल के पहले दिन से म्यूचुअल फंड निवेश के नियम भी बदल रहे हैं। निवेशकों के हितों को ध्यान में रखते हुए बाजार नियामक सेबी ने म्यूचुअल फंड के नियमों में कुछ बदलाव किए हैं। नया नियम लागू होने के बाद फंडों को 75 फीसदी हिस्सा इक्विटी में निवेश करना होगा, जो अभी न्यूनतम 65 फीसदी है।
सालभर में चार बिक्री रिटर्न फॉर्म भरने होंगे – सालाना पांच करोड़ रुपए तक का कारोबार करने वाले छोटे कारोबारियों को एक जनवरी से सालभर में केवल चार बिक्री रिटर्न (जीएसटीआर-3बी) फॉर्म भरने होंगे। वर्तमान में इन कारोबारियों को मासिक आधार पर 12 रिटर्न फॉर्म दाखिल करने होते हैं। इस प्रकार, नए साल से छोटे कारोबारियों को साल में चार जीएसटीआर-3बी और चार जीएसटीआर-1 रिटर्न दाखिल करने होंगे। इसके अलावा, जीएसटी कानून के तहत एक जनवरी से बी-टू-बी (बिजनेस-टू-बिजनेस) बिजनेस भुगतान के लिए 100 करोड़ रुपए से अधिक टर्नओवर होने पर ई-इनवॉइस जरूरी होगा।
महंगे हो जाएंगे टीवी, फ्रिज और वॉशिंग मशीन
मैन्युफैक्चरर्स ने कहा कि आपूर्ति में कमी के कारण टीवी पैनल (ओपेन सेल) की कीमतें भी दोगुनी से अधिक हो चुकी हैं। कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी के साथ ही प्लास्टिक भी महंगा हो गया है। उन्होंने कहा कि एलजी, पैनासोनिक और थॉमसन जैसे मैन्युफैक्चरर्स के लिए जनवरी से कीमतों में बढ़ोतरी अपरिहार्य है, जबकि सोनी अभी भी हालात की समीक्षा कर रही है और उसे इस बारे में फैसला करना है। पैनासोनिक इंडिया के अध्यक्ष और सीईओ मनीष शर्मा ने कहा कि हमारा मानना है कि निकट भविष्य में कमोडिटी कीमतों में बढ़ोतरी से हमारे प्रोडक्ट्स की कीमतें प्रभावित होंगी। मेरा अनुमान है कि जनवरी में 6-7% कीमतें बढ़ेंगी और वित्त वर्ष की पहली तिमाही तक ये 10-11% तक बढ़ सकती है। एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया के उपाध्यक्ष (घरेलू उपकरण) विजय बाबू ने कहा कि जनवरी से हम टीवी, इलेक्ट्रॉनिक्स मशीन, रेफ्रिजरेटर आदि सभी उत्पादों की कीमतों में 7 से 8% तक बढ़ोतरी करने जा रहे हैं। सोनी इंडिया के प्रबंध निदेशक सुनील नय्यर ने कहा कि फिलहाल नहीं। अभी इंतजार किया जा रहा है। हम आपूर्ति पक्ष को देख रहे हैं, जो दिन-प्रतिदिन बदल रहा है। हालात, अस्पष्ट हैं और हमने इस बारे में अभी तय नहीं किया है। पैनल की कीमतें और कुछ कच्चे माल की लागत बढ़ गई है, खासतौर से टीवी के लिए।