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Himachal के इन गांवों में डंडों से तैयार हाईटेक एंबुलेंस से मरीजों को पहुंचाते हैं Hospital
Last Updated on October 23, 2020 by Deepak
चौपाल। आज जहां देश प्रदेश का हर गांव सड़क सुविधा (Road facility) से जुड़ चुका है। वहीं राजधानी शिमला (Shimla) के उपमंडल चौपाल (Chopal) के माटल पंचायत के क्यार, क्यारी, कफरौना, चेंटाडा, खेड़ा व सिक्का सहित कई गांव के लोग आज भी सड़क सुविधा को तरस रहे हैं। इन गांवों में कोई बीमार हो जाए तो सैकड़ों साल पुरानी इजाद की गई एंबुलेंस से अस्पताल (Hospital) पहुंचाना पड़ता है। इस दुर्लभ एंबुलेंस को चलाने के लिए 4 बेहद प्रशिक्षित ड्राइवर की जरूरत होती है। यह एंबुलेंस यानी दो डंडों में बंधी चादर में मरीज को डालकर कंधों पर उठाकर ले जाना पड़ता है। फिर चाहे वो गर्भवती महिलाएं हो या किसी अन्य गंभीर बीमारी से पीड़ित व्यक्ति। इन गांवों में इसी लोकल एंबुलेंस (Ambulances) के सहारे ग्रामीणों को जिंदगी की जंग लड़नी पड़ती है।
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शुक्रवार को भी इस दुर्लभ एंबुलेंस को माटल पंचायत के ग्रामीणों ने उस वक्त पैदल पगडंडी पर उतारा ये जब कफरौना निवासी राजेश को घास काटने वाली मशीन से पैर में गहरी चोट लग गई। राजेश को उसके चचेरे भाई हेमराज ने अन्य ग्रामीणों किरण कुमार, मनोज कुमार, राकेश ठाकुर, संजीव ठाकुर, महेंद्र सिंह, दिनेश कुमार एवं जगत सिंह ने दो डंडों में बंधी चादर में रख कर पीठ पर उठा कर अढ़ाई घंटे का सफर तय करने के बाद सड़क (Road) तक पहुंचाया। उक्त गांव के लोगों का आरोप है कि वह बीते तीस साल से इन गांव को सड़क से जोड़ने की गुहार लगा रहे हैं लेकिन नेताओं को सिर्फ चुनाव के समय ही इन गांव की याद आती है। ग्रामीणों ने प्रदेश सरकार और जिला प्रशासन से इनके गांवों को जल्द सड़क सुविधा से जोड़ने की गुहार लगाई है।
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