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ऊना। हिमाचल के ऊना जिला के चिंतपूर्णी विधानसभा क्षेत्र का कुछ एरिया और गगरेट विधानसभा क्षेत्र के 12 गांवों को टाउन एंड कंट्री प्लानिंग से बाहर करने की कवायद शुरू कर दी गई है। रविवार को जल शक्ति मंत्री महेन्द्र सिंह ठाकुर ने ऊना (Una) के प्रवास चिंतपूर्णी और गगरेट (Gagret and Chintpurni) विधानसभा क्षेत्रों का दौरा किया। इस दौरान जलशक्ति मंत्री ने टाउन एंड कन्ट्री प्लानिंग प्रभावितों की समस्याएं सुनी और इसके उपरांत 2.51 करोड़ रुपए की लागत से बनकर तैयार हुए 4 ट्यूबवैल जनता को समर्पित किये। इनमें 52.56 लाख से शिववाड़ी में निर्मित, 67.50 लाख रुपए के गुगलैहड़-1, 64.70 लाख की लागत से बने गुगलैहड़-2 तथा 66.87 लाख रुपए की लागत से लोहरली में बने ट्यूबवैल का शुभारंभ किया।
टीसीपी मामले को लेकर सरकार द्वारा गठित सब कमेटी के अध्यक्ष महेंद्र सिंह ठाकुर (Mahendra Singh Thakur) ने जन सुनवाई के दौरान प्रदेश सरकार से इन क्षेत्रों को टाउन एंड कंट्री प्लानिंग से बाहर करने की अनुशंसा की। महेंद्र सिंह ठाकुर ने कहा कि पूर्व कांग्रेस सरकार के दौरान इन क्षेत्रों को टाउन एंड कंट्री प्लानिंग (Town and Country Planning) में डाला गया था, लेकिन चुनाव से पूर्व बीजेपी के प्रत्याशियों ने इन क्षेत्रों को टाउन एंड कंट्री प्लानिंग से बाहर करने का लोगों से वायदा किया था और बीजेपी (BJP) के संकल्प पत्र में भी इस बात को जोड़ा गया था। उन्होंने कहा कि जन सुनवाई के दौरान संबंधित क्षेत्रों के लोगों ने खुद को टाउन एंड कंट्री प्लानिंग से अलग करने की मांग की है और सब कमेटी प्रदेश सरकार को या अनुशंसा करती है कि इन क्षेत्रों को टीसीपी के दायरे से बाहर किया जाए।
वहीं, जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने जल जीवन मिशन योजना (Jal Jeevan Mission Scheme) में हिमाचल प्रदेश को देश भर में नंबर वन रैंक मिलने पर जहां एक और पीएम नरेंद्र मोदी को श्रेय दिया। वहीं, हिमाचल में इस योजना को मूर्त रूप देने और शत-प्रतिशत लागू करने के लिए जल शक्ति विभाग के अधिकारियों कर्मचारियों और इस में काम करने वाले कामगारों की भी मुक्त कंठ से प्रशंसा की है। महेंद्र सिंह ठाकुर ने कहा कि 3.60 लाख करोड़ रुपए की इस योजना को देश भर में लागू किया गया था जिसे हिमाचल ने वर्ष 2019 में अक्षरश: लागू करते हुए पहला स्थान हासिल किया, वहीं 2020 में भी हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) इस योजना में पहले स्थान पर रहा। इसी को देखते हुए 2021 में जल जीवन मिशन योजना के एक्शन प्लान को देखकर केंद्र सरकार ने हिमाचल को 1400 करोड़ रुपए का बजट मंजूर किया है। इस योजना के क्रियान्वयन से प्रदेश के कई क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को पानी की किल्लत से निजात मिली है।
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