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राजकीय सम्मान के साथ सुपुर्द-ए-खाक हुए बंगाणा के शहीद दिलावर खान
ऊना: श्रीनगर के कुपवाड़ा में आतंकियों (Terrorists) से लड़ते हुए अपनी मातृभूमि के लिए सर्वोच्च बलिदान देने वाले 28 आरआर के नायक दिलावर खान (28 वर्ष) को गुरुवार को पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई(last farewell) दी गई। शहीद की पार्थिव देह दोपहर करीब 2 बजे बंगाणा उपमंडल (Bangana Subdivision)में उनके पैतृक गांव घरवासड़ा लाई गई। गांव में हर दिल गमगीन और हर आंख नम थी। नमाज-ए-जनाजा अदा करके शहीद को सुपुर्द-ए-खाक किया गया। वर्ष 1996 में जन्मे दिलवर महज 18 साल की उम्र में सेना में भर्ती हुए थे। उनका सपना था देश की सेवा करना, और इस सपने को पूरा करते हुए उन्होंने अपने प्राणों की आहुति दी। शहीद जवान के परिवार में उनके कृषक पिता कर्मदीन, माता भोला बीबी, 1 भाई, 1 बहन, पत्नी जमीला और 3 साल का बेटा जुनैद हैं।
हर आंख में थे आंसू, लेकिन दिल में भरा था गर्व
इस मौके पर विधायक विवेक शर्मा, एडीसी महेंद्र पाल गुर्जर, एएसपी संजीव भाटिया, एसडीएम सोनू गोयल सहित भारतीय सेना, पुलिस व प्रशासन के आला अधिकारियों ने घरवासड़ा पहुंचकर शहीद की पार्थिव देह पर पुष्प चक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि(Tribute) दी। गांववासियों ने अपने वीर बेटे की अंतिम यात्रा में भारी संख्या में शामिल होकर उन्हें विदाई दी। हर आंख में आंसू थे, लेकिन दिल में गर्व भरा था। सेना के जवानों ने राजकीय सम्मान के साथ शहीद को सलामी और गार्ड ऑफ ऑनर (Guard of Honour) दिया। इस दौरान नमाज-ए-जनाजा अदा करके शहीद को सुपुर्द-ए-खाक किया गया। पूरे वातावरण में शहीद दिलावर खान के बलिदान की गूंज थी।
विधायक ने दिया हरसंभव सहायता का भरोसा
विधायक विवेक शर्मा ने श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए कहा कि हिमाचल प्रदेश के जवान देश की सीमाओं की रक्षा के लिए हमेशा आगे रहकर लड़े हैं। उन्होंने कहा कि शहीद दिलवर खान के सर्वोच्च बलिदान को देश हमेशा याद रखेगा। प्रदेश सरकार की ओर से शहीद के परिवार को यथासंभव सहायता उपलब्ध करवाई जाएगी। यह वादा ही नहीं, हमारा कर्तव्य है।
सुनैना जसवाल