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कुल्लू। कोरोना (#Corona) महामारी के चलते अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा उत्सव (#Kullu_Dussehra) सूक्ष्म रूप से मनाया जा रहा है, लेकिन दशहरा उत्सव के लिए देवी-देवता भी नाराजगी दिखा रहे हैं। ऐसे में दशहरा उत्सव दूसरे दिन पतलीकुहल के रंखडू गांव की माता दुर्गा लाव लश्कर के साथ भगवान रघुनाथ के अस्थाई शिविर ढालुपर में पहुंचीं। जहां पर माता दुर्गा ने गुरवाणी के माध्यम से कहा कि मनुष्य की नीति खराब हो गई है। ऐसे में देवी-देवताओं को बंद किया जा रहा है और बाहरी राज्यों के लोगों के लिए खुली छूट दे दी है, जिससे महामारी के खौफ के चलते देवी-देवताओं को नजरअंदाज किया जा रहा है। माता ने गुरवाणी में कहा कि महाराज रघुनाथ से मिलने के लिए कोई नहीं रोक सकता है। माता ने गुरवाणी में कहा कि बिजली महादेव ने दशहरा उत्सव में आने का हुकुम किया था जिस पर माता भगवान रघुनाथ से मिलने आई हैं। प्राचीन काल से महाराज के पास से मिलने दशहरा उत्सव में देव मिलन करते हैं। माता दुर्गा (Mata Durga) ने गुरवाणी में कहा कि इससे पहले भी कई बीमारियां दूर की हैं और कोरोना को महामारी के खात्मे का आश्वासन दिया। माता के गुर ने बिजली महादेव के अस्थाई शिविर पहुंच कर भव्य मिलन किया।
कैबिनेट मंत्री एवं चेयरमैन दशहरा उत्सव समिति गोविंद सिंह ठाकुर (Govind Singh Thakur) ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव में देव समाज व देवी देवताओं के सहयोग से भगवान रघुनाथ की प्राचीन परंपरा का निर्वहन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मनुष्य पर नियंत्रण कर सकते हैं, लेकिन देवी-देवताओं पर किसी भी तरह का नियंत्रण नहीं कर सकते हैं। ऐसे में देवी देवताओं को रोकने का प्रश्न ही पैदा नहीं होता। उन्होंने कहा कि प्रशासन की तरफ से दशहरा उत्सव में आने वाले देवी-देवताओं की व्यवस्था की जा रही है। उन्होंने कहा कि भगवान रघुनाथ के रथ यात्रा दशहरा उत्सव में प्राचीन परंपराओं का निर्वहन करने के लिए 7 देवी देवता रथयात्रा के लिए ढालपुर मैदान में पहुंचे थे।
इसके अलावा कुछ और देवी देवता भी कुल्लू दशहरा उत्सव में पहुंचे हैं, उनके लिए भी दशहरा उत्सव समिति की तरफ से व्यवस्था की गई है। ऐसे में कोरोना महामारी से बचाव को लेकर मास्क, सैनिटाइजर किट दे दी है और देवी-देवताओं के अस्थाई शिविरों को सैनिटाइज करने के लिए नगर परिषद कुल्लू को निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि अटल सदन में कारदार संघ के सभी सदस्यों के साथ औपचारिक बैठक हुई है, जिसमें अधिकतर समस्याओं का पहले समाधान किया गया है, लेकिन कुछ ऐसे निर्णय हैं जो शिमला में हाई पावर कमेटी के समक्ष सभी समस्याओं के समाधान के लिए बैठक करेंगे।
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