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कांगड़ा।शक्तिपीठ माता श्री बज्रेश्वरी देवी के दर्शनों के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को अब पंजीकरण करवाना आवश्यक होगा। यानी जो भी श्रद्धालु आएगा उसे पहले टोकन लेना होगा।आगामी 27 मार्च से शुरू होने वाले ग्रीष्मकालीन नवरात्रों से पूर्व इस प्रकिया को आरंभ कर दिया जाएगा। वहीं, रोजाना माता के दर्शनों को जाने वाले स्थानीय लोगों के अलग से पास बनाए जाएंगे, ताकि उन्हें रोजाना पंजीकरण के लिए लाइन में न लगना पड़े। इसके अलावा प्रशासनिक, मंदिर ट्रस्ट व मीडिया को भी पास जारी किए जाएंगे। यह फैसला आज आगामी ग्रीष्मकालीन नवरात्रों के दौरान यहां आने वाले श्रद्धालुओं को दी जाने वाले सुविधा बारे एसडीएम कांगड़ा देवा स्वेता वानिक की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में लिया गया। बैठक की जानकारी देते हुए एसडीएम कांगड़ा ने बताया कि सुरक्षा की दृष्टि से आज ट्रस्ट की बैठक में यह निर्णय लेना पड़ा।
एसडीएम कांगड़ा ने बताया कि इससे मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं का रिकॉर्ड प्रशासन के पास रहेगा। मंदिर के प्रवेश द्वार पर एक सूचना पटिटका भी स्थापित की जाएगी। इस पटिटका पर पंजीकरण करवाने के बाद श्रद्धालुओं को माता के दर्शन के लिए कितना समय लगेगा और उनसे पहले कितने श्रद्धालु माता के दर्शनों को लाइन में खड़े हैं के बारे पूरी जानकारी होगी। नवरात्रों के दौरान यहां आने वाले श्रद्धालुओं के लिए अलग से आवासीय सुविधा मुहैया करवाने के साथ पार्किग की व्यवस्था करने के साथ बिजली प्रबंध पुख्ता करने के साथ सुरक्षा कर्मी तैनात करने के साथ स्वास्थ्य एवं स्वच्छता बारे भी चर्चा करने के साथ नवरात्रों के दिनों में पूरा दिन लंगर सुचारू रखने बारे भी निर्णय लिया गया।
नवरात्रों के दिनों में श्रद्धालुओं को किसी तरह की परेशानी न हो इसके लिए उपसमितियों का गठन भी किया गया। उन्होंने बताया कि बैठक में मंदिर में दैनिक वेतन पर तैनात कर्मचारी जिनका कार्यकाल पूरा हो चुका है,उनके नियमतीकरण बारे व समेकित वेतन पर कार्यरत कर्मचारियों को दैनिक भोगी कर्मचारी बनाने बारे चर्चा की गई। बैठक के दौरान मंदिर ट्रस्ट के सदस्य मुनीष कांसरा ने कहा कि रात को मंदिर बंद होने के बाद मंदिर की सराय को भी बंद कर दिया जाता है, जिससे कि रात के समय यहां आने वाले श्रद्धालुओं को परेशानी का सामना करना पड़ता है। उन्होंने मांग की कि रात के समय मंदिर की सराय के बाहर खाली कमरों की सूची स्थापित की जाए और वहां पर तैनात कर्मचारी श्रद्धालुओं को कमरे मुहैया करवाए, जिसके बाद मंदिर प्रशासन ने उनकी मांग को मानते हुए इस प्रस्ताव पर मुहर लगाई।
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