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बिना तैयारी भोटा भेज दिए Corona Positive, रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन ने जताया विरोध
Last Updated on April 12, 2020 by Vishal Rana
हमीरपुर। कोरोना पॉजिटिव (Corona Positive) की इस इंमरजेंसी में मेडिकल स्टाफ फ्रंट लाइन में हाई रिस्क पर अपना फर्ज निभा रहा है। वहीं, हमीरपुर में एक बड़ी लापरवाही सामने आई है। भोटा में बिना तैयारी के ही ऊना के कोरोना पॉजिटिव दो मरीजों को भेज दिया गया। इसको लेकर डॉ. राधाकृष्णन गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल हमीरपुर रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन में खासा रोष है। इसको लेकर एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. अभिषेक ठाकुर की अध्यक्षता में बैठक आयोजित की गई। बता दें कि भोटा के एक अस्पताल को कोविड-19 आइसोलेशन सेंटर के तौर पर अधिसूचित किया गया है। यहां पर मेडिकल कॉलेज हमीरपुर के मेडिकल स्टाफ की ड्यूटी लगाई है। सरकार ने 7 अप्रैल को निर्णय लिया कि हर जिला में कोरोना वायरस को लेकर आइसोलेशन सेंटर बनाए जाएंगे। इसके बाद 9 अप्रैल को कुछ अस्पतालों को अधिसूचित किया गया। इसमें भोटा का चैरिटेबल अस्पताल भी है।
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11 अप्रैल यानि कल ऊना जिला से दो कोरोना पॉजिटिव मरीजों को भोटा अस्पताल भेज दिया गया। मेडिकल कॉलेज हमीरपुर रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन का कहना है कि ना तो इससे पहले माक ड्रिल करवाई गई और ना ही स्टाफ को व्यवस्थाएं समझने का मौका दिया गया। ना ही संस्थान को सैनिटाइज किया गया। यहां तक की हैंड सैनिटाइजर भी उपलब्ध नहीं करवाए गए। ना ही मरीज के रिकॉर्ड की फाइल उपलब्ध थी। रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. अभिषेक ठाकुर का कहना है कि हमीरपुर मेडिकल कॉलेज के चार डॉक्टर, 6 नर्स और चार क्लास फोर को भोटा अस्पताल भेजा गया है। भोटा अस्पताल में व्यवस्थाओं के बारे मेडिकल स्टाफ को पता नहीं है। अस्पताल की व्यवस्थाएं समझने के लिए स्टाफ को मौका भी नहीं दिया गया। इसके लिए ना ही माक ड्रिल करवाई गई। दो मरीजों को भोटा भेज दिया। इससे मेडिकल स्टाफ में भय है। उन्होंने कहा कि ऊना में तीन हॉट स्पॉट चिन्हित किए गए हैं। ऐसे में ऊना क्यों नहीं आइसोलेशन सेंटर बनाया गया।