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तो ऐसे बढ़ेगी मुनाफाखोरी, ग्राहक पंचायत ने सरकार की अधिसूचना का किया विरोध
Last Updated on February 23, 2020 by Deepak
दयाराम कश्यप/सोलन। अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत हिमाचल प्रांत पदाधिकारियों की एक अहम बैठक सोलन में हुई। इसकी अध्यक्षता प्रांत अध्यक्ष अनिल भारद्वाज ने की। बैठक में कुछ अहम मुद्दों पर चर्चा हुई। इसमें ग्राहक विरोधी नियमों की ओर प्रदेश सरकार का ध्यान आकर्षित किया गया। बैठक में सरकार द्वारा 20 जुलाई 2019 की उस अधिसूचना का विरोध किया गया, जिसके तहत लाइसेंस प्रणाली और इंस्पेक्टरी राज समाप्त किए जाने के तहत दैनिक उपयोग की वस्तुओं को नियंत्रित करने वाले तीन आदेश निष्प्रभावी किए गए। इसके अलावा जमाखोरी एवं मुनाफाखोरी रोकथाम आदेश-1977, हिमाचल प्रदेश आवश्यक वस्तुएं मूल्य अंकन एवं मूल्य सूचि आदेश-1977, हिमाचल प्रदेश लाइसेंसिंग एंड ट्रेड आर्टिकल आदेश-1981 पर विस्तार से चर्चा की गई। सरकार द्वारा इन नियमों को ढील देने से बाजार में खाद्य एवं आवश्यक वस्तुओं की मूल्य वृद्धि पर कोई अंकुश नहीं रहेगा। इससे दुकानदार के लिए यह आवश्यक नहीं होगा कि वह अपनी दुकान पर मूल्य सूची लगाएं। बड़ी बात यह कि ऐसा न करने पर उसे दंडित करने का कोई प्रावधान नहीं है। इसे अनाज, सब्जियों एवं अन्य आवश्यक वस्तुओं के दुकानदार मनमाने दाम वसूलेंगे।
ग्राहक पंचायत का कहना है कि सरकार के इस रवैये के कारण मुनाफाखोरी बढ़ेगी। उपरोक्त नियमों के तहत अलग अलग वस्तुओं के लिए मुनाफे की दर 1.5 प्रतिशत से 10 प्रशित तक तथा सब्जियों के लिए 25 प्रतिशत तक निर्धारित थी, लेकिन नियमों के निष्क्रिय होने से विक्रता ग्राहकों से मनमाना लाभ वसूल कर रहे हैं। नियमों में ढील दिए जाने से खाद्य एंव आपूर्ति विभाग के कर्मचारी किसी भी व्यापारिक परिसर एंव गोदाम की तलाशी नहीं ले सकते तथा बिल जांच करने की उनकी शक्तियां निरस्त कर दी गई हैं।
अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत ने सरकार से मांग की है कि प्रदेश में सीमेंट के उद्योगों के होने के बावजूद सीमेंट की कीमतें हरियाणा और पंजाब जैसे पड़ोसी राज्यों से अधिक है। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि शीघ्र ही अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत जिलों के डीसी के माध्यम से प्रदेश सरकार को ज्ञापन भेजेगी और तुरंत एक प्रतिनिधिमंडल प्रदेश सरकार से मिलेगा।
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