-
Advertisement
बीजेपी में धवाला की ज्वाला के बाद Congress की धड़ेबंदी, Kaul Singh बने अगुवा
Last Updated on June 21, 2020 by Vishal Rana
शिमला। हिमाचल बीजेपी (BJP) में धवाला नाम की ज्वाला अभी पूरी तरह ठंडी नहीं पड़ी थी कि इसी बीच कांग्रेस (Congress) की भी धड़ेबंदी की खबर सामने आ गई। ये ठीक उस वक्त हो रहा है जब कोविड-19 (Covid-19) के दौर से हर कोई गुजर रहा है। इसी दौरान इस धड़ेबंदी का स्थान इस मर्तबा पार्टी के वरिष्ठ नेता ठाकुर कौल सिंह (Thakur Kaul Singh) के शिमला स्थित आवास रहा है। वहीं पर लंच (Lunch) के बहाने एक बैठक हुई,जिसमें पार्टी के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू (Sukhwinder Singh Sukhu),सुधीर शर्मा, आशीष बुटेल, हर्ष वर्धन चौहान, रोहित ठाकुर व सोहन लाल मौजूद रहे। चर्चा का विषय पार्टी के वर्तमान में प्रदेशाध्यक्ष कुलदीप राठौर (Kuldeep Rathore) की कार्यप्रणाली रही। इस बाबत सवाल ये उठाए गए कि पार्टी में वरिष्ठ नेताओं को विश्वास में ना लेकर कुछ एक लोगों को ही साथ लेकर चलने का काम हो रहा है। इसमें वरिष्ठ नेता (Senior Leader) पूरी तरह से दरकिनार किए गए हैं। तय हुआ है कि जल्द ही एक बैठक की जाएगी, जिसमें पार्टी की वरिष्ठ नेता आशा कुमारी, रामलाल ठाकुर, जीएस बाली (GS Bali) व चौधरी चंद्र कुमार जैसे नेताओं को भी बुलाया जाएगा।
यह भी पढ़ें: Jai Ram से बैठक के बाद धवाला ने किसको लिया आड़े हाथ- कही यह बड़ी बात- जानिए
कौल माने, पार्टी प्रदेशाध्यक्ष की कार्यप्रणाली पर चर्चा हुई
इस धड़ेबंदी के बाद एक बात स्पष्ट हो गई है कि बीजेपी जैसी धवाला (Dhawala) की ज्वाला अब प्रदेश कांग्रेस में भी फूटने वाली है। बैठक बाबत जब पार्टी के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष ठाकुर कौल सिंह से बात की गई तो उन्होंने माना कि कोविड-19 जैसे गंभीर मसले के अलावा वर्तमान में पार्टी प्रदेशाध्यक्ष की कार्यप्रणाली पर चर्चा हुई है। उन्होंने माना कि संगठनात्मक तौर पर वरिष्ठ नेताओं की अनदेखी एक बड़ा सवाल खड़ा कर रही है। इसलिए ही कुछ लोगों ने मुझसे संपर्क कर बैठक (Meeting) के लिए कहा था,उसके बाद ही हम सभी बैठे थे। ठाकुर कौल सिंह के आवास पर इस बैठक के होने के मायने बहुत दूर के हैं। चूंकि,ठाकुर कौल सिंह सबके लिए सर्वमान्य तौर पर माने जाते हैं। ये वही कौल सिंह हैं,जिनके कुलदीप राठौर कभी बेहद करीबी गिने जाते थे।
सर्वसम्मति वाला ढूंढ लिया चेहरा
पार्टी की कमान संभालने के बाद से जिस तरह से राठौर से उनकी दूरियां बढ़ती गई है, उसी का परिणाम है कि अब बात धड़ेबंदी तक जा पहुंची है। बैठक में सुखविंदर सिंह सुक्खू की मौजूदगी का मतलब साफ-साफ है कि राठौर के खिलाफ अभियान को गति देने वाला चेहरा ढूंढना। बैठक में मौजूद सभी ने ठाकुर कौल सिंह के नाम का ऐसा चेहरा ढूंढा है, जिस पर सभी आसानी से सहमत हो सकते हैं। बात ये नहीं है कि प्रदेशाध्यक्ष (State President) बदलना है, मसला अभी ये है कि धड़ेबंदी वालों की अगुवाई कौन कर रहा है। ठाकुर कौल सिंह स्वयं पार्टी के अध्यक्ष रहने के साथ-साथ कई बार कैबिनेट मंत्री (Cabinet Minister) रह चुके हैं। अब उनकी रहनुमाई में हुई ये पहली बैठक बहुत आगे तक जाएगी, इसमें कोई संशय ही नहीं है। अब इनमें कौन कांग्रेस का धवाला बनकर सामने आता है ये देखने वाली बात है।
Tags